हाथरस गैंगरेपः सीबीआई ने दायर की चार्जशीट, पीड़िता के अंतिम बयान को बनाया आधार
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आम मत | नई दिल्ली
सीबीआई ने हाथरस गैंगरेप मामले में शुक्रवार को एससी-एसटी कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। सीबीआई ने पीड़िता के आखिरी बयान को आधार बनाया। सीबीआइ की ओर से जांच अधिकारी सीमा पाहूजा ने चार्जशीट दाखिल की। मामले में पीड़िता के भाई की ओर से ही एफआईआर दर्ज कराई गई थी। हाथरस मामले में दाखिल चार्जशीट में चारों आरोपितों के खिलाफ सीबीआई ने सामूहिक दुष्कर्म, हत्या, छेड़छाड़ और एससी-एसटी की धारा में केस बनाया है।
अधिवक्ता मुन्ना सिंह पुंडीर ने बताया कि चारों आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। आरोपियों के वकील मुन्ना सिंह पुंडीर ने बताया कि सीबीआई ने छात्रा के आखिरी 22 सितंबर वाले बयान को आधार मानते हुए चारों को आरोपी बनाया है। इस मामले में सीबीआइ संदीप, लवकुश, रवि व रामू के खिलाफ दो महीने से पड़ताल कर रही थी।
योगी आदित्यनाथ सरकार ने केस सीबीआई को जांच के लिए सौंपा था, जिसकी सीबीआई बीते दो महीने से जांच में जुटी थी। सीबीआई ने हाथरस में सक्षम न्यायालय में संदीप, लवकुश, रवि व रामू के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। सीबीआई ने 11 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश सरकार के अनुरोध पर और भारत सरकार से आगे की अधिसूचना पर मामला दर्ज किया था।
पीड़िता के भाई का होगा साइकोलॉजिकल असेस्मेंट
गांव से पीड़िता के भाई और भाभी को भी कोर्ट लाया गया। इन्हें लेकर सीआरपीएफ गांव में उनके घर से निकली । इससे पहले हाथरस में सीबीआई के कैम्प कार्यालय पर ताला लगा था। टीम के सदस्य गाजियाबाद से सीधा हाथरस पहुंचे। सीबीआई ने दो दिन पहले हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में सुनवाई के दौरान 18 दिसंबर को चार्जशीट दाखिल करने की बात कही थी।
इस मामले की जांच कर रही सीबीआई पीड़िता के भाई को फॉरेंसिक साइकलॉजिकल टेस्ट के लिए गुजरात के गांधीनगर लेकर जाएगी। यहां उसका साइकलॉजिकल असेस्मेंट कराया जाएगा। हाथरस कांड में पीड़िता के भाई की ओर से ही एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
ये था पूरा मामला
हाथरस के चंदपा कोतवाली इलाके के एक गांव में 14 सितंबर को चार लोगों ने 19 साल की युवती के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म किया था। जब बिटिया के साथ दरिंदगी हुई तब वह कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं थी। युवती को गंभीर हालत में हाथरस के जिला अस्पताल लाया गया, जहां से अलीगढ़ के लिए रेफर कर दिया गया था।