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जयपुरः सवाई मानसिंह अस्पताल को क्यों नहीं बनाया जा रहा कोविड सेंटर?

आम मत | हरीश गुप्ता

– अन्य अस्पतालों में बैड फुल और मरीज परेशान, तो सवाई मानसिंह अस्पताल के डॉक्टरों पर मेहरबानी क्यों

जयपुर। राजस्थान में दिन-प्रतिदिन कोरोना संक्रमितों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। मरीजो के लिए वेंटिलेटर भी कम पड़ने लगे हैं। साथ ही, प्राइवेट अस्पतालों की भी सांसें फूलने लगी है। ऐसे में राजधानी जयपुर स्थित प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल (SMS) को अभी तक कोविड सेंटर क्यों नहीं बनाया जा रहा ?

गौरतलब है कोरोना अब देश और प्रदेश में चरम पर है। लगातार बढ़ते संक्रमितों की संख्या को देखते हुए सरकार ने निजी अस्पतालों को कोविड सेंटर में बदल दिया और उपचार की कीमतें भी निर्धारित कर दी। सूत्रों ने बताया कि वर्तमान में राजधानी में जितने भी प्राइवेट अस्पतालों को कोविड सेंटर में तब्दील किया है सभी की क्षमताएं मिला लें तो भी सवाई मानसिंह अस्पताल भारी पड़ता है। एसएमएस में पर्याप्त बैड, सिटी स्कैन सहित जांच मशीनें और अन्य सभी सुविधाएं इन सभी से अधिक हैं।

सरकार को किस की चिंता? SMS अस्पताल के डॉक्टरों की या मरीजों की

सूत्रों की मानें तो एसएमएस अस्पताल के डॉक्टर भी अन्य अस्पतालों से बेहतर हैं। साथ ही, हर स्थिति से सामना करने में सक्षम है। वर्तमान में एसएमएस में अन्य रोगों के मरीज जाने से भी कतरा रहे हैं। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि सवाई मानसिंह अस्पताल को कोविड सेंटर क्यों नहीं बनाया जा रहा? क्या सवाई मानसिंह अस्पताल (एसएमएस) के डॉक्टरों को कोरोना का डर सता रहा है? क्या सरकार को एसएमएस अस्पताल के डॉक्टरों की जान की परवाह है, मरीजों की जान की नहीं? तो क्या प्राइवेट अस्पताल के स्टाफ की जान की परवाह किसी को नहीं है?

निजी अस्पतालों में छुट्टी पर गए नर्सिंग स्टाफ और वार्ड बॉय

सूत्रों ने बताया कि कई प्राइवेट अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ और वार्ड बॉय छुट्टी पर चले गए। उनका तर्क है, इतनी सी तनख्वाह में मरेंगे नहीं। स्टाफ का कहना है, ‘हमें जो वेतन मिलता है एसएमएस में वही काम करने वाले को उनसे चार-पांच गुना ज्यादा वेतन मिल रहा है।’

दिल्ली के एम्स अस्पताल को भी बनाया जा चुका है कोविड सेंटर

सूत्रों ने बताया कि एसएमएस अस्पताल पर ही मेहरबानी क्यों? दिल्ली के एम्स जैसे अस्पताल को भी कोविड सेंटर में तब्दील कर दिया गया। प्रत्येक जिले में मेडिकल कॉलेज को भी कोविड सेंटर बना दिया गया है फिर एसएमएस में ऐसा क्या है? अगर यहां के डॉक्टर इतने नाजुक हैं तो इन्हें घर बैठा दिया जाए, दूसरे डॉक्टर यहां आकर इलाज कर देंगे।

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