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कोरोना: भारत में कुल 10 लाख संक्रमित, रिकवरी रेट 63.25 फीसदी

आम मत | नई दिल्ली

भारत में कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है। साथ ही, रिकवरी रेट भी पहले की तुलना में काफी अच्छी हो चुकी है। देश में अब तक 10 लाख से अधिक संक्रमित मिल चुके हैं। 6 लाख 35 हजार से ज्यादा लोग संक्रमण से रिकवर कर चुके हैं। यानी अब तक 63.25 फीसदी लोग संक्रमण से ठीक हो चुके हैं। गुरुवार को एक ही दिन में 34,500 लोग संक्रमित मिले। वहीं, एक दिन में 680 लोगों की मौत भी हुई।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने ट्वीट कर बताया कि देश में कोविड-19 संक्रमण के ज्यादातर मामले मामूली लक्षण वाले हैं। मात्र 0.32% मरीज वेंटिलेटर पर हैं और 3% से भी कम मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत है। उधर, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने दुनियाभर में कोरोना के मामलों की स्टडी करने के लिए ऑक्सफोर्ड कोविड-19 गवर्नमेंट रिस्पॉन्स ट्रैकर बनाया है। इस ट्रैकर में 17 अलग-अलग पहलुओं के आधार पर रेटिंग की गई थी।

इसके मुताबिक, भारत में जितना सख्त लॉकडाउन लागू किया था, उतनी सख्ती दुनिया के किसी देश में नहीं दिखाई गई। जैसे जैसे देश में लॉकडाउन में ढिलाई बरती गई, देश में संक्रमितों की संख्या बढ़ती गई। देश में 30 जनवरी को कोरोना का पहला तो 16 जुलाई को 10 लाखवां संक्रमित मिला। यानी 5 महीने और 18 दिन में संक्रमित संख्या एक से बढ़कर 10 लाख तक पहुंच गई।

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का दावा, भारत में था सबसे सख्त लॉकडाउन

ऑक्सफोर्ड के रिस्पॉन्स ट्रैकर की मानें तो भारत में पूरे विश्व का सबसे सख्त लॉकडाउन लगाया गया। जैसे-जैसे इसमें ढील देना शुरू किया गया तो संक्रमित बढ़ते चले गए। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के इस ट्रैकर में फेज के अनुरूप सभी देशों को पॉइंट दिए गए थे।

लॉकडाउन में ढिलाई के कारण घटे भारत के अंक

25 मार्च से 14 अप्रैल के पहले लॉकडाउन फेज में भारत को पूरे 100 अंक मिले थे। 15 अप्रैल से 3 मई के दूसरे फेज में 96.3 अंक, 4 से 17 मई के तीसरे फेज में दी गई छूट के कारण 81.9 अंक दिए गए। 18 से 31 मई के चौथे फेज, जिसमें सरकार की ओर से थोड़ी और छूट दी गई थी। इस दौरान भारत को 79.1 अंक मिले। पांचवें यानी 1 से 30 जून के फेज, जिसे अनलॉक-1 नाम दिया गया। इस फेज में दी गई छूट और संक्रमितों की बढ़ती संख्या के लिए 76.3 अंक मिले।

इस ट्रैकर से यह स्पष्ट है कि कोरोना के काल में लॉकडाउन के दौरान जब से छूट दी जाने लगी, भारत का ग्राफ नीचे गिरने लगा। साथ ही, देश में मरीजों की संख्या में भी तेजी आने लगी। गुरुवार को यह संख्या 10 लाख को पार कर चुकी है।

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