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शाह ने कहा-रद्द नहीं होंगे कृषि कानून, वार्ता रही बेनतीजा, आज लिखित प्रस्ताव देगी सरकार

आम मत | नई दिल्ली

कृषि कानूनों को लेकर मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह और 13 किसान नेताओं की बातचीत हुई। बुधवार को सरकार और किसानों की होने वाली वार्ता से पहले इस बैठक को अहम माना जा रहा था, लेकिन ये भी बेनतीजा रही। एक ओर जहां किसान कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं तो वहीं गृह मंत्री ने कृषि से जुड़े तीनों कानूनों को वापस लेने से इनकार कर दिया। अमित शाह और 13 किसान नेताओं की मुलाकात 2 घंटे चली। बैठक के बाद किसान नेता हनन मुल्ला ने कहा कि सरकार बुधवार को लिखित में प्रस्ताव देगी। किसान सरकार के प्रस्ताव पर दोपहर 12 बजे सिंधु बॉर्डर पर बैठक करेंगे। उन्होंने ये भी कहा कि सरकार के साथ बुधवार को होने वाली छठे दौर की वार्ता भी स्थगित कर दी गई। हनन मुल्ला ने कहा कि सरकार कानून वापस नहीं लेगी।

किसान नेताओं की आज 12 बजे बैठक

ऑल इंडिया किसान सभा के नेता और माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य हनन मुल्ला ने गृह मंत्री शाह के साथ बैठक के बाद बताया कि सरकार ने कानूनों में सिर्फ कुछ संशोधनों का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने दावा कि सरकार कानूनों में संशोधन के प्रस्ताव लिखित में देने के लिए राजी हैं, लेकिन बैठक में मौजूद सभी 13 किसान संगठन कानूनों को रद करने से कम पर तैयार नहीं हैं। फिलहाल किसान अगले दौर की वार्ता में हिस्सा लेने के बारे में विचार-विमर्श करेंगे। किसान संगठनों के नेताओं की बैठक बुधवार दोपहर 12 बजे सिंघु बॉर्डर पर होगी।

सरकार ने वार्ता के लिए इन नेताओं को किया था आमंत्रित

सरकार ने जिन किसान नेताओं को वार्ता के लिए आमंत्रित किया था, उनके नाम हैं- राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढ़ूनी, हनन मुल्ला, शिव कुमार कक्का, बलवीर सिंह राजेवाल, जगजीत सिंह, रुलदू सिंह मानसा, मनजीत सिंह राय, बूटा सिंह बुर्जगिल, हरिंदर सिंह लख्खोवाल, दर्शन पाल, कुलवंत सिंह संधू और बोध सिंह मानसा।

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