Highlights
- प्रसिद्ध कथावाचक प्रेमानंद महाराज के वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल होते हैं।
- बड़े-बड़े सेलिब्रिटीज़ उनसे मिलने वृंदावन के आश्रम में जाते हैं।
- महाराज ने महज 13 साल की उम्र में घर छोड़ दिया और अपना जीवन धर्म और सेवा को समर्पित कर दिया।
प्रेमानंद महाराज का प्रारंभिक जीवन
प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj), जिन्हें उनके अनुयायी श्रद्धा से प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज कहते हैं, का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनका असली नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे था।
महज 13 साल की उम्र में उन्होंने अपने परिवार को छोड़ दिया और धर्म की राह पर निकल पड़े। बचपन से ही उनके परिवार में धार्मिक आस्था का वातावरण था, जिसने उनके मन में भक्ति का बीज बोया।
महाराज जी ने अपनी आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत ध्यान और साधना से की। उन्होंने वाराणसी, हरिद्वार और वृंदावन जैसे पवित्र स्थानों में वर्षों तक साधना की। उनकी साधना और तप ने उन्हें न केवल एक ज्ञानी संत बनाया, बल्कि उन्हें युवाओं और बुजुर्गों का भी आदर्श बना दिया।
प्रेमानंद महाराज की उम्र और स्वास्थ्य
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) की उम्र 60 वर्ष के करीब है। हालांकि, उनके चेहरे की आभा और तेज को देखकर कोई उनकी वास्तविक उम्र का अनुमान नहीं लगा सकता।
स्वास्थ्य और किडनी का मुद्दा
प्रेमानंद महाराज जी की दोनों किडनियां फेल हो चुकी हैं, लेकिन उनके अनुयायी इसे उनकी आध्यात्मिक ऊर्जा और उनके जीवन के प्रति समर्पण का प्रमाण मानते हैं।
उनका कहना है कि योग, ध्यान और सकारात्मक सोच उनकी ऊर्जा को बनाए रखने में मदद करते हैं। उनकी यह जीवटता उन्हें एक प्रेरणा के रूप में स्थापित करती है।
प्रेमानंद महाराज से जुड़ी मशहूर हस्तियां
प्रेमानंद महाराज के दर्शन और सत्संग के लिए बड़े-बड़े नेता, अभिनेता, और खिलाड़ी उनके आश्रम आते हैं।
प्रसिद्ध हस्तियां जो महाराज से मिल चुकी हैं
- विराट कोहली और अनुष्का शर्मा
- द ग्रेट खली
- मोहन भागवत (आरएसएस प्रमुख)
इन हस्तियों ने न केवल महाराज जी के सत्संग का आनंद लिया, बल्कि उनकी शिक्षाओं से प्रेरणा भी ली।
प्रेमानंद महाराज से मिलने का तरीका
मथुरा के वृंदावन में स्थित प्रेमानंद महाराज का आश्रम लाखों भक्तों का केंद्र है।
मुलाकात का समय और प्रक्रिया
- आश्रम का स्थान: राधा केलि कुंज, परिक्रमा रोड, वृंदावन।
- समय: रोजाना सुबह 2:30 बजे महाराज जी अपने निवास से पैदल चलकर आश्रम आते हैं।
- टोकन प्रणाली:
- हर सुबह 9:30 बजे टोकन दिए जाते हैं।
- आधार कार्ड लाना अनिवार्य है।
- अगली सुबह 6:30 बजे टोकन धारक महाराज जी से व्यक्तिगत प्रश्न पूछ सकते हैं।
यदि किसी को व्यक्तिगत वार्ता का मौका नहीं मिलता, तो वह 7:30 बजे समूह दर्शन का हिस्सा बन सकता है।
प्रेमानंद महाराज का आश्रम और कार्यक्रम
राधा केलि कुंज आश्रम वृंदावन का एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक केंद्र है। यहाँ पर रोजाना कई धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
आश्रम का दैनिक कार्यक्रम
सुबह का कार्यक्रम
- 4:15 पूर्वाह्न – 5:45 पूर्वाह्न: प्रातःकालीन सत्संग।
- 5:45 पूर्वाह्न – 6:30 पूर्वाह्न: मंगला आरती और वन विहार।
- 6:30 पूर्वाह्न – 8:15 पूर्वाह्न: विभिन्न ग्रंथों का पाठ।
- 8:15 पूर्वाह्न – 9:00 पूर्वाह्न: श्रृंगार आरती।
दोपहर और संध्या का कार्यक्रम
- 4:00 अपराह्न – 4:15 अपराह्न: धूप आरती।
- 5:45 अपराह्न – 6:00 अपराह्न: संध्या आरती।
- 5:15 अपराह्न – 5:45 अपराह्न: भक्ति चरित्र।
यह आश्रम न केवल ध्यान और साधना का स्थान है, बल्कि यहां भक्तों को आत्मज्ञान प्राप्त करने का भी मार्ग दिखाया जाता है।
FAQ: प्रेमानंद महाराज के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रेमानंद महाराज की उम्र कितनी है?
प्रेमानंद महाराज की उम्र लगभग 60 साल है। हालांकि, उनकी ऊर्जा और तेज को देखकर उनकी उम्र का अंदाजा लगाना कठिन है।
प्रेमानंद महाराज जी से मिलने के लिए क्या प्रक्रिया है?
प्रेमानंद महाराज जी से मिलने के लिए आश्रम में टोकन लेना आवश्यक है। टोकन सुबह 9:30 बजे बांटे जाते हैं, और अगले दिन सुबह 6:30 बजे दर्शन का अवसर मिलता है।
प्रेमानंद महाराज जी का आश्रम कहाँ स्थित है?
प्रेमानंद महाराज का आश्रम वृंदावन के परिक्रमा रोड पर स्थित है, जो भक्तिवेदनता हॉस्पिटल के सामने है।
क्या प्रेमानंद महाराज जी से दीक्षा ली जा सकती है?
हाँ, लेकिन इसके लिए प्रेमानंद महाराज जी द्वारा बताए गए नियमों और दिनचर्या का पालन करना होगा। दीक्षा प्रक्रिया के बारे में अधिक जानकारी आश्रम से प्राप्त की जा सकती है।
क्या प्रेमानंद महाराज जी के सत्संग ऑनलाइन उपलब्ध हैं?
जी हाँ, प्रेमानंद जी महाराज के सत्संग और प्रवचन सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर उपलब्ध हैं, जहाँ लाखों लोग उन्हें सुनते और उनसे प्रेरणा लेते हैं।
Spirituality and Devotion: Premanand Maharaj Vrindavan
प्रेमानंद महाराज का जीवन, उनके विचार और उनकी शिक्षाएँ हर आयु वर्ग के लोगों के लिए प्रेरणादायक हैं। उनकी साधना, तपस्या और समाज सेवा ने उन्हें न केवल एक आध्यात्मिक गुरु बल्कि एक सच्चे समाज सुधारक के रूप में स्थापित किया है।
यदि आप भी प्रेमानंद महाराज के दर्शन करना चाहते हैं, तो वृंदावन में उनके आश्रम का दौरा करें और उनके विचारों से प्रेरणा लें। उनके सत्संग और शिक्षाएँ जीवन को नई दिशा देने का माध्यम बन सकती हैं।
मुख्य बातें
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