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तीज विशेषः सिंजारे में स्कूटी तो किसी को मिला डायमंड रिंग का गिफ्ट

आम मत | जयपुर

सावन तीज या हरियाली तीज का नाम आते ही युवतियों का मन झूम उठता है। सावन के सुहाने मौसम में इस त्यौहार का आनंद ही कुछ और है। तीज से एक दिन पहले मनाया जाता है सिंजारा। जिसमें महिलाओं को अपने ससुराल और पिया की तरफ से लहरिया की साड़ी और अन्य उपहार भेंट में मिलते हैं। इस दिन घेवरों की मिठास, महिलाओं के हाथों में मेहंदी और रंग-बिरंगे लहरिया के रंग आपको चारों ओर देखने को मिल जाएंगे। ‘‘आम मत’’ के साथ हुई बातचीत में कुछ इसी तरह के अनुभव बांटे हैं महिलाओं ने। तो आइए जानें इन्हीं की जुबानी :-

पहले सिंजारे पर पति ने दी थी डायमंड रिंग

तीज विशेषः सिंजारे में स्कूटी तो किसी को मिला डायमंड रिंग का गिफ्ट | pooja 1
इंदौर निवासी पूजा

मध्यप्रदेश के इंदौर की निवासी पूजा ने बताया कि उन्हें पहले सिंजारे पर पति से डायमंड रिंग उपहार में मिली थी। वहीं, ससुराल वालों ने उनका पहला सिंजारा इतनी धूमधाम से मनाया, जिसकी उन्हें उम्मीद भी नहीं थी। उनके सास-ससुर ने उन्हें लहरिया की साड़ियां और कई अन्य उपहार भी दिए। उन्हें उस दिन कोई काम नहीं करने दिया गया। उनके ससुर और पति ने उनके लिए खाना बनाया था। उनकी सास का मानना है कि यह त्यौहार नवयुवतियों के लिए बेहद महत्त्वपूर्ण होता है। इसलिए इस दिन उन्हें पूरा एंजॉय करना चाहिए। इसके अलावा भी कई चीजें हैं, जो पहले सिंजारे की याद दिलाती है।

पूरा दिन उदास रही, पति ने सरप्राइज देकर किया खुश

तीज विशेषः सिंजारे में स्कूटी तो किसी को मिला डायमंड रिंग का गिफ्ट | divya
दिव्या गोवला

जयपुर निवासी दिव्या बताती हैं कि यह उनका पहला सिंजारा है। परंपरा के अनुसार, शादी के बाद के पहले सावन पर वे अपने पीहर में ही रह रही थी। उन्हें भी इस दिन का बहुत ज्यादा इंतजार था। साथ ही, वे इस दिन मिलने वाले सिंजारे के गिफ्ट्स का भी बहुत इंतजार कर रही थी। जैसा हर नवविवाहित युवती करती है। सुबह से ससुराल वालों और पति की ओर से इस प्रकार का कोई जिक्र नहीं किया गया। पूरा दिन निकलने के बाद भी ना कोई फोन और ना ही कोई ससुराल से आया। उनका मन बहुत ज्यादा उदास था। उनके पूरे दिन की उदासी तब खुशी में बदली, जब शाम को पीहर में ससुर और पति को गिफ्ट्स लिए खडे़ देखा। इस सरप्राइज से वे बहुत ज्यादा खुश हुई।

30 सिंजारे देखे, आज भी खुद को नवविवाहित युवती सा करती हैं महसूस

तीज विशेषः सिंजारे में स्कूटी तो किसी को मिला डायमंड रिंग का गिफ्ट | yamuna 2
यमुना शर्मा

जयपुर निवासी यमुना शर्मा ने बताया कि वे सुहागिन के रूप में अब तक 30 सिंजारे देख चुकी हैं। इसके बावजूद वे आज भी हर सिंजारे को नवविवाहित युवती की ही तरह पूरे उत्साह से मनाती हैं। इतने सालों के बाद भी हर सिंजारे पर उनके पति उनके लिए लहरिया साड़ी या सूट और अन्य उपहार लाते हैं। अपने पति के द्वारा दी गई साड़ी और ज्वैलरी पहनकर वे सहेलियों के साथ झूला झूलने जाती हैं तो खुद को 18 साल की युवती सा महसूस करती हैं। वे मानती है कि वैसे तो सारे त्यौहारों में ही महिलाएं सजती-संवरती हैं। खासतौर पर सिंजारा एक ऐसा त्यौहार है, जिसका इंतजार हर आयु वर्ग की महिला को रहता है। वे हमेशा इस त्यौहार को पूरे उत्साह के साथ मनाती रहेंगी।

सिंजारे पर पति ने गिफ्ट के रूप में दी स्कूटी

तीज विशेषः सिंजारे में स्कूटी तो किसी को मिला डायमंड रिंग का गिफ्ट | savita
सविता

जयपुर निवासी सविता बताती हैं कि उनके पहले सिंजारे की सुबह की शुरुआत उनकी सासू मां के दिए लहरिया से हुई। उसे पहन और सज-संवरकर जब वे बाहर आई तो कुछ काम से बाहर गए हुए उनके पति घर आ चुके थे। उनके पति उन्हें घर से बाहर ले गए। जब वे बाहर पहुंची तो एक बड़ा सरप्राइज उनका इंतजार कर रहा था। यह सरप्राइज था स्कूटी। यह गिफ्ट पाकर उनकी आंखों में खुशी के आंसू आ गए। वे सोच भी नहीं सकती थीं कि उनकी मन की इच्छा उनके पिया इस दिन के उपहार के रूप में पूरी करेंगे। उनकी सास ने उन्हें पति के साथ स्कूटी ड्राइव करने और झूला झूलने भेजा। जब वे वापस आईं तो उनकी ननद भी घर आ चुकी थीं। सबने मिलकर एकसाथ डिनर किया। वे कहती हैं कि ये दिन मैं अपने जीवन में कभी नहीं भूल सकती।

पति के साथ लिया कैंडल लाइट डिनर का लुत्फ

तीज विशेषः सिंजारे में स्कूटी तो किसी को मिला डायमंड रिंग का गिफ्ट | ankita 2
अंकिता

जयपुर की ही रहने वाली अंकिता ने अपना अनुभव शेयर करते हुए कहा कि उन्हें सिंजारे के दिन लहरिया आदि के साथ रोज बुके, ढेर सारी चॉकलेट्स और डायमंड रिंग मिले।
उनके पति हाफ डे लेकर घर आ गए थे, क्योंकि अंकिता को झूला झूलना बहुत पसंद है। दोनों तैयार होकर घर से वहां के लिए निकले जहां बहुत सारे इलेक्ट्रिक झूले लगे हुए थे।
वहां पहुंचते ही बारिश आ गई। इस कारण वे झूल नहीं पाए। इससे उनका मूड खराब और मन उदास हो गया। उनके पति ने उनकी मनोस्थिति को भांप लिया था।
इसलिए वे उन्हें एक पार्क में ले गए, जहां पेड़ पर झूला लगा हुआ था। उन्होंने बारिश में ही उन्हें झूला झुलाया। इसके बाद उन्होंने घर आकर कैंडल लाइट डिनर भी किया।

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दोस्तों भाई-बहन का त्यौहार राखी अब कुछ ही दिन दूर है। कोरोना के कारण दूसरे शहर या देश में रहने वाली बहनें अपने भाइयों को राखी बांधने के लिए नहीं आ सकती हैं। ऐसे में उन्होंने राखी का यह पर्व कैसे मनाया और इससे पहले कभी भी उनका राखी का कोई अनूठा एक्सपीरियंस है तो हमसे शेयर करें। आपके बेहतरीन एक्सपीरियंस को हम अपनी वेबसाइट पर जगह देंगे। साथ ही अपने उस एक्सपीरियंस का फोटो भेजना ना भूलें। हमें aammat.news@gmail.com पर अपने एक्सपीरियंस ईमेल करें।

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