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Sant Vijay Das Death Case | मुख्यमंत्री से मिला साधुओं का प्रतिनिधिमंडल; प्रशासन की त्वरित कार्रवाई के लिए जताया आभार (31 July 2022)

NEWS UPDATES SANT VIJAY DAS DEATH CASE

मुख्यमंत्री से मिला साधुओं और ग्रामीणों का प्रतिनिधिमंडल

  • भरतपुर के आदिबद्री व कनकांचल क्षेत्र में समस्त खनन गतिविधियाें पर रोक, क्षेत्र की समस्त राजकीय भूमि वन विभाग को हस्तातंरित – मुख्यमंत्री
  • महंत श्री विजयदास का निधन अत्यंत दुःखद
  • क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मूलभूत सुविधाओं का होगा विकास
  • प्रतिनिधिमंडल ने प्रशासन की त्वरित कार्रवाई के लिए जताया आभार
Rajasthan | News Desk AAM MAT

जयपुर, 31 जुलाई। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत (CM Gehlot) ने रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर भरतपुर के पसोपा व आस-पास के गांवों से आए साधु, महंत, जनप्रतिनिधि तथा ग्रामीणों के प्रतिनिधिमंडल से मिलकर महंत श्री विजयदास (Sant Vijay Das) के निधन पर संवेदना व्यक्त की और उनकी सभी मांगों को पूरा करने का विश्वास दिलाया। श्री गहलोत ने कहा कि साधुआें की मांग को ध्यान में रखते हुए धार्मिक महत्व वाले क्षेत्र में चल रहे सभी प्रकार के खनन को प्रतिबंधित करने के लिए सरकार द्वारा पहले ही सैद्धांतिक सहमति दी जा चुकी थी। इसके बावजूद दिवंगत महंत श्री विजयदास जी (Mahant Vijay Das) का निधन अत्यंत दुखद है।

Sant Vijay Das Death Case | मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत (CM Gehlot) से मिला साधुओं का प्रतिनिधिमंडल; प्रशासन की त्वरित कार्रवाई के लिए जताया आभार
मुख्यमंत्री गहलोत (CM Gehlot) से मिला साधुओं और ग्रामीणों का प्रतिनिधिमंडल; प्रशासन की त्वरित कार्रवाई के लिए जताया आभार

भरतपुर के आदिबद्री और कनकचल क्षेत्र में सभी खनन गतिविधियों पर रोक : मुख्यमंत्री

श्री गहलोत ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा त्वरित निर्णय करके उक्त क्षेत्र की सभी वैध खनन गतिविधियां बंद कराने के निर्देश दिए जा चुके हैं। साथ ही इस भूमि को वन विभाग को हस्तातंरित कर दिया गया है। पूर्व में भी संतों की मांग पर सरकार द्वारा क्षेत्र में चल रही वैध खानों को बंद करवाया गया था तथा वर्तमान में 46 वैध खानों को बंद कराने व अन्यत्र स्थानान्तरित करने का कार्य किया जा रहा हैंं।

साधु-संतों ने बातचीत में स्वीकार किया कि यह एक जटिल प्रक्रिया है तथा उन्होंने इसे दो महीने में पूर्ण की मांग की, जिस पर सरकार ने इस समयसीमा में सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया। श्री गहलोत ने कहा कि क्षेत्र के ग्रामीण जिनकी आजीविका खानों पर निर्भर थी, उनकी समझाईश करने में भी समय लगता है परन्तु फिर भी कार्य तेजी सेे आगे बढ़ा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय लोगों द्वारा जिला प्रशासन को दी गई मांगों में से डीग सीकरी मार्ग से पशुपति नाथ मंदिर तक सड़क निर्माण, दिवंगत महंत श्री विजयदास जी (Sant Vijay Das) के नाम से द्वार का निर्माण तथा पशुपति नाथ मंदिर पहाड़ के ऊपर हाईमास्ट लाईट लगाने की मांगें स्वीकार कर ली गई है। वहीं पशुपति नाथ मंदिर के भव्य निर्माण व बिजलीघर स्वीकृत करने पर भी तेजी से कार्य किया जा रहा है।

इस संबंध में पर्यटन मंत्री श्री विश्वेंद्र सिंह ने बताया कि पर्यटन एवं देवस्थान विभाग की टीमों द्वारा आदिबद्री तथा कनकांचल आदि क्षेत्रों का दौरा करके विकास के 84 कार्यों की पहचान की जा चुकी है। इनमें मुख्य रूप से आदिबद्री धाम में यात्री सुविधाओं का विकास, छतरी निर्माण, गौरी कुण्ड का जीर्णोद्धार, यात्रियों के लिए आरामगृह आदि कार्य हैं। इन कार्यों के लिए सर्वे किया जा चुका है तथा जल्द इनको पूरा करवाया जाएगा।

इससे पूर्व आदिबद्री धाम के महंत श्री शिवराम दास जी एवं पशुपति नाथ मंदिर के नवनियुक्त महंत श्री भूरा बाबा ने धरना समाप्ति के तुरन्त बाद खनन क्षेत्र को वन क्षेत्र में परिवर्तित करने के आदेश पारित करने के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देश से धरना समाप्ति के तुरन्त बाद ही प्रशासन ने पसोपा व आस-पास के क्षेत्र में सड़क एवं स्वागत द्वार के निर्माण कार्याें हेतु स्वीकृति जारी कर दी है।

प्रतिनिधिमंडल ने भरतपुर के पसोपा में बृज क्षेत्र के पर्वतों की रक्षा करने के लिए तथा विभिन्न विकास कार्यों के लिए अपनी मांगें मुख्यमंत्री के समक्ष रखी, जिनमें मुख्य रूप से क्षेत्र में पर्यटन एवं विकास की संभावनाओं से संबंधित मांगें शामिल थी।

आदिबद्री के महंत शिवराम दास जी ने कहा कि पसोपा व आस-पास की स्थानीय जनता प्रशासन के कार्यों से संतुष्ट है तथा क्षेत्र में शांति एवं विकास की पक्षधर है। उन्होंने आदिबद्री तथा कनकांचल को वन विभाग को हस्तातंरित करने के ऎतिहासिक निर्णय के लिए प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया।

प्रतिनिधिमंडल में जिला परिषद सदस्य श्री मोहन सिंह गुर्जर, पसोपा से श्री सुल्तान सिंह, विजय सिंह, श्री महावीर सिंह, श्री अनेक सिंह, श्री गुल्ले पहलवान, श्री हरीसिंह काहरिका, श्री शंकर गुर्जर, श्री गजेन्द्र उदयपुरी, श्री रूगन लम्बरदार, श्री ज्ञाना पटेल, श्री परमाल तथा अन्य ग्रामीण शामिल थे।

कौन हैं महंत श्री विजयदास (Sant Vijay Das)?

महंत श्री विजयदास भिवानी हरियाणा के बड़वाना गांव के रहने वाले हैं. 2002 में मान मंदिर बरसाना में आकर संत बन गए थे. इससे पूर्व फरीदाबाद की एक कपड़ा फैक्ट्री में वह डिजाइनर एक्सपर्ट थे. एक हादसे में उनके पुत्र और पुत्रवधू की मौत हो गई थी, जिसके बाद वह अपनी पौत्री दुर्गा के साथ मान मंदिर बरसाना आकर रहने लगे. यहां आंदोलन के दौरान गांव पसोपा में मंदिर के महंत बनाए गए. फिलहाल उनकी पौत्री दुर्गा मान मंदिर के गुरुकुल में रहती हैं.

भरतपुर क्षेत्र में खनन के विरोध में आत्मदाह का प्रयास करने वाले महंत श्री विजयदास (Sant Vijay Das) का 23 जुलाई 2022 को निधन हो गया था।

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