मध्य प्रदेश

बैतूल: आंगन में पेड़ पर चढ़ा भालू, वन विभाग जुटा बचाव में

बैतूल, 28 नवंबर: Betul News – मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में एक अनोखी घटना ने ग्रामीणों के बीच हड़कंप मचा दिया। चोपना थाना क्षेत्र के ग्राम लक्खीपुर में एक भालू बुधवार देर रात एक ग्रामीण के आंगन में लगे पेड़ पर चढ़ गया। इस अप्रत्याशित घटना से गांव में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

वन विभाग को सुबह सूचना मिलते ही टीम ने मौके पर पहुंचकर भालू को सुरक्षित जंगल में भेजने के प्रयास शुरू कर दिए। हालांकि, ग्रामीणों की भीड़ और भालू की स्थिति के कारण बचाव कार्य चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।

ग्रामीणों में दहशत, वन विभाग अलर्ट

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गांव के बीचों-बीच एक घर के आंगन में भालू को देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो गई। भालू के अचानक गांव में आने से ग्रामीणों में भय और जिज्ञासा का माहौल बन गया। इस दौरान बच्चों और महिलाओं को घरों के अंदर रहने की हिदायत दी गई।

वन विभाग के नाकेदार शांतिलाल उइके ने जानकारी देते हुए बताया कि घटना ग्राम लक्खीपुर की है, जो जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर है। भालू देर रात पेड़ पर चढ़ा था, और सुबह तक वहीं मौजूद था।

भालू को उतारने में मशक्कत

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वन विभाग की टीम गुरुवार सुबह मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तुरंत कार्रवाई शुरू की। ग्रामीणों की भीड़ और भालू के पेड़ पर होने के कारण बचाव कार्य में कठिनाई हो रही है। वन विभाग ने ग्रामीणों से सुरक्षित दूरी बनाए रखने की अपील की है ताकि भालू को सुरक्षित तरीके से जंगल में छोड़ा जा सके।

वन विभाग का कहना है कि भालू के इस तरह से गांव में आना संभवतः जंगल में भोजन की कमी का संकेत हो सकता है। इसके अलावा, यह भी आशंका है कि भालू रास्ता भटककर गांव तक पहुंच गया हो।

ग्रामीण और वन्यजीवों के बीच बढ़ते संघर्ष

इस घटना ने एक बार फिर इंसानों और वन्यजीवों के बीच बढ़ते टकराव को उजागर किया है। जंगलों के लगातार घटते दायरे और प्राकृतिक संसाधनों की कमी के कारण वन्यजीव रिहायशी इलाकों में प्रवेश करने लगे हैं।

वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार, जंगलों के किनारे बसे गांवों में इस प्रकार की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में, ग्रामीणों को सतर्क रहना और वन विभाग को तुरंत सूचित करना बेहद जरूरी है।

वन विभाग की सतर्कता और अपील

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वन विभाग की टीम लगातार भालू को सुरक्षित तरीके से पेड़ से उतारने की कोशिश कर रही है। विभाग ने ग्रामीणों को सलाह दी है कि वे घटना स्थल के पास भीड़ न लगाएं और शांति बनाए रखें।

वन विभाग ने यह भी अपील की है कि यदि इस प्रकार की घटनाएं फिर से होती हैं, तो ग्रामीण तुरंत विभाग को सूचित करें। यह न केवल वन्यजीवों के लिए बल्कि इंसानों की सुरक्षा के लिए भी बेहद जरूरी है।


FAQs: भालू और ग्रामीण क्षेत्रों में वन्यजीवों का बढ़ता संपर्क

भालू गांव में क्यों आ जाते हैं?

भालू जंगलों में भोजन और पानी की कमी के कारण गांवों का रुख कर सकते हैं। इसके अलावा, जंगलों के कटाव और मानव अतिक्रमण भी इसका एक बड़ा कारण है।

गांव में भालू दिखने पर क्या करें?

अगर गांव में भालू दिखे तो शांति बनाए रखें, उसे छेड़ें नहीं और तुरंत वन विभाग को सूचना दें।

क्या भालू इंसानों पर हमला कर सकता है?

भालू आमतौर पर शांत प्राणी होते हैं, लेकिन खतरा महसूस होने पर वे आक्रामक हो सकते हैं। इसलिए, उनसे सुरक्षित दूरी बनाए रखना जरूरी है।

भालू को जंगल में वापस कैसे भेजा जाता है?

वन विभाग प्रशिक्षित टीम और उपकरणों की मदद से भालू को बेहोश कर सुरक्षित तरीके से जंगल में छोड़ता है।

गांवों में वन्यजीवों की घटनाएं कैसे रोकी जा सकती हैं?

जंगलों के संरक्षण, ग्रामीण जागरूकता, और वन विभाग की सतर्कता से इस तरह की घटनाओं को कम किया जा सकता है।



बैतूल जिले में घटी यह घटना इंसान और प्रकृति के बीच संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता को एक बार फिर रेखांकित करती है। वन विभाग और ग्रामीणों की सतर्कता से यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि ऐसी घटनाएं जान-माल की हानि के बिना निपटाई जा सकें।

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