आम मत | जयपुर
राजस्थान कांग्रेस में जारी खींचतान अब हाईकोर्ट तक पहुंच गई है। बागी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) सीपी जोशी की ओर से जारी नोटिस पर याचिका दायर की। याचिका पर सुनवाई के दौरान सचिन पायलट खेमे की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने बहस शुरू की। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष सदन के बाहर हुई कार्यवाही को लेकर नोटिस जारी नहीं कर सकते हैं। यह संवैधानिक वैधता नहीं है। इसलिए इस अवैधानिक नोटिस को रद्द किया जाए। इसके बाद सुनवाई शुक्रवार तक के लिए टाल दी गई। मामले की सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश (सीजे) दो सदस्यीय खंडपीठ का गठन करेंगे।
मामले में कोर्ट में विधायकों की ओर से पृथ्वीराज मीणा ने यह याचिका दायर की थी। वकील हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी ने उनका पक्ष प्रस्तुत किया। वहीं, स्पीकर का प्रतिनिधित्व अभिषेक मनु सिंघवी ने किया।
उल्लेखनीय है कि सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष जोशी ने बुधवार को अयोग्यता संबंधी नोटिस भेजा था। यह नोटिस कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी की ओर से बागी विधायकों की सदस्यता खत्म करने को लेकर दायर याचिका पर भेजा गया था। इसमें पायलट और अन्य विधायकों को शुक्रवार तक जवाब देने के लिए कहा गया था।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पूनिया बोले- स्पीकर कैसे जारी कर सकते हैं व्हिप
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पायलट और अन्य 18 विधायकों ने व्हिप की अवहेलना की थी। वहीं, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि अध्यक्ष अनुपस्थित रहने के लिए विधायकों को व्हिप कैसे जारी कर सकते हैं। अगर वे सदन की कार्यवाही में चर्चा में अनुपस्थित रहते तो उन्हें अध्यक्ष द्वारा व्हिप जारी किया जा सकता था। महेश जोशी के वकील एनके मालू का कहना है कि पायलट के वकील साल्वे ने याचिका में संशोधन करने की आवश्यकता बताते हुए समय मांगा है। कोर्ट ने इस पर सहमति दे दी है। अब डिवीजन बेंच के सामने नई याचिका दायर करनी होगी। मामले में महेश जोशी को पक्षकार नहीं बनाया गया है।
विधानसभा अध्यक्ष की ओर से इन्हें भेजा गया था नोटिस
स्पीकर जोशी ने सचिन पायलट, रमेश मीणा, इंद्राज गुर्जर, वेदप्रकाश सोलंकी, हरीश मीणा, बृजेंद्र ओला, अमर सिंह, दीपेंद्र सिंह, गजराज शक्तावत, विश्वेंद्र सिंह, भंवरलाल शर्मा, मुकेश भाकर, रामनिवास गावड़िया, राकेश पारीक, मुरारी मीणा, पीआर मीणा, सुरेश चौधरी, हेमाराम चौधरी और सुरेश मोदी को नोटिस भेजा था।