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Direct Tax Collection 2024-25: आयकर विभाग ने 13.57 लाख करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष कर संग्रह किया

  • प्रत्यक्ष कर संग्रह 2024-25: आयकर विभाग ने 13.57 लाख करोड़ का ऐतिहासिक कर संग्रह किया

Direct Tax Collection 2024-25: आयकर विभाग ने प्रत्यक्ष कर संग्रह 2024-25 के अन्तर्गत ऐतिहासिक 13.57 लाख करोड़ का कर संग्रह किया। वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान, आयकर विभाग ने अब तक 13 लाख 57 हजार करोड़ रुपये से अधिक का प्रत्यक्ष कर संग्रह किया है। यह संग्रह देश की अर्थव्यवस्था में मजबूत वृद्धि और कर अनुपालन में सुधार को दर्शाता है।

प्रत्यक्ष कर संग्रह का विस्तार

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Direct Tax Collection 2024-25: आयकर विभाग ने 13.57 लाख करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष कर संग्रह किया 6

Direct tax collection 2024-25 के अंतर्गत 13.57 लाख करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष कर संग्रह भारत की अर्थव्यवस्था में स्थिरता और करदाताओं के बढ़ते विश्वास का संकेत देता है। सरकार की नीतियों और कर अनुपालन की बेहतर प्रणाली ने नागरिकों और व्यवसायों को अधिक पारदर्शी रूप से कर का भुगतान करने के लिए प्रेरित किया है। इस कर संग्रह ने यह सुनिश्चित किया है कि देश का आर्थिक ढांचा न केवल मजबूत बना रहे बल्कि विकास की दिशा में भी तेजी से आगे बढ़े।

आयकर विभाग ने इस वित्तीय वर्ष में एक प्रभावशाली 13.57 लाख करोड़ रुपये से अधिक का प्रत्यक्ष कर (प्रत्यक्ष कर संग्रह 2024-25) एकत्र किया है, जो सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह आंकड़ा बताता है कि देश के नागरिक और व्यापार संस्थान अधिक सक्रियता से कर भुगतान कर रहे हैं। यह न केवल कर प्रणाली में विश्वास बढ़ाने का संकेत है, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत होने का प्रमाण भी है।

व्यक्तिगत आयकर और कॉर्पोरेट कर का योगदान

Direct tax collection 2024-25: इस प्रत्यक्ष कर संग्रह में दो प्रमुख घटक शामिल हैं: व्यक्तिगत आयकर और कॉर्पोरेट कर। व्यक्तिगत आयकर की हिस्सेदारी सात लाख करोड़ रुपये से अधिक है, जबकि कॉर्पोरेट कर के माध्यम से छह लाख करोड़ रुपये से अधिक का योगदान हुआ है।

व्यक्तिगत आयकर में वृद्धि

व्यक्तिगत आयकर में वृद्धि यह दर्शाती है कि नागरिकों की आय में लगातार सुधार हो रहा है और वे कर नियमों का बेहतर अनुपालन कर रहे हैं। इसके साथ ही, यह भी सिद्ध होता है कि सरकार की नीतियों और कर दायित्वों के प्रति नागरिकों का रुझान सकारात्मक हो रहा है।

कॉर्पोरेट कर का उछाल

कॉर्पोरेट कर के उछाल ने व्यापारिक संगठनों की मजबूत वित्तीय स्थिति को दर्शाया है। भारतीय कंपनियों के मुनाफे में वृद्धि और उनकी आर्थिक स्थिरता इस बात की ओर इशारा करती है कि भारतीय व्यापार जगत नई ऊंचाइयों को छू रहा है। यह उछाल इस बात का प्रमाण है कि भारत के व्यावसायिक संस्थान न केवल घरेलू बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।

रिफंड में वृद्धि

कर अनुपालन में सुधार के साथ, आयकर विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान अब तक 2 लाख 31 हजार करोड़ रुपये से अधिक का रिफंड जारी किया है। रिफंड प्रक्रिया में तेजी लाने से करदाताओं को समय पर उनके अधिकार प्राप्त हुए हैं, जिससे करदाताओं का सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है।

रिफंड का त्वरित वितरण उन करदाताओं के लिए राहत लेकर आया है, जिन्होंने अपने कर भुगतान में वृद्धि की है और उन्हें उनके अतिरिक्त कर भुगतान की वापसी समय पर प्राप्त हो रही है। यह भी इस बात का संकेत है कि आयकर विभाग करदाताओं के हितों की सुरक्षा के प्रति सजग है।

शुद्ध कर संग्रह में उछाल

आयकर विभाग ने शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। शुद्ध संग्रह 11 लाख 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक है, जो पिछले वर्षों की तुलना में 18 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि को दर्शाता है। यह वृद्धि यह साबित करती है कि सरकार की नीतियाँ कर संग्रह को बढ़ाने में कारगर साबित हो रही हैं।

शुद्ध कर संग्रह की यह वृद्धि देश की आर्थिक प्रगति के लिए एक सकारात्मक संकेत है। इससे यह स्पष्ट होता है कि करदाताओं का कर प्रणाली में विश्वास बढ़ रहा है, और वे अपने कर दायित्वों को सही समय पर पूरा कर रहे हैं।

यह वृद्धि सरकार की नीतियों की सफलता को दर्शाती है। करदाताओं की सक्रिय भागीदारी और कर प्रणाली में उनका बढ़ता विश्वास इस बात का संकेत है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है।

कर प्रणाली और अनुपालन में सुधार

सरकार द्वारा लागू की गई नीतियों ने कर प्रणाली को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाया है। इसके साथ ही, डिजिटल प्लेटफॉर्म और स्वचालित कर प्रणाली के उपयोग से करदाताओं के लिए कर भुगतान की प्रक्रिया को और अधिक सरल और सुरक्षित बनाया गया है।

प्रत्यक्ष कर संग्रह की यह सफलता करदाताओं के बीच कर अनुपालन की संस्कृति को और अधिक बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।

भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए क्या मायने रखता है?

इस प्रत्यक्ष कर संग्रह का भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास पर भी बड़ा असर पड़ा है। कर संग्रह में इस वृद्धि ने देश को और अधिक आर्थिक स्थिरता प्रदान की है। सरकार की कर नीतियों का समर्थन करदाताओं द्वारा किया जा रहा है, और वे समय पर कर का भुगतान कर रहे हैं, जिससे सरकार को विकास योजनाओं के लिए आवश्यक संसाधन प्राप्त हो रहे हैं।

भारत में बढ़ते कर अनुपालन ने देश की विकास दर को भी सहारा दिया है। सरकार के द्वारा जुटाए गए कर से बुनियादी ढांचा, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्रों में निवेश किया जा सकेगा, जिससे देश की समृद्धि और विकास की गति बढ़ेगी।

भारत में कॉर्पोरेट कर और उसका प्रभाव

कॉर्पोरेट कर में वृद्धि यह दर्शाती है कि भारतीय व्यापारिक संस्थानों की वित्तीय स्थिति मजबूत हो रही है। कंपनियों द्वारा किए गए मुनाफे में वृद्धि से देश की आर्थिक स्थिति और स्थिर हुई है, जिससे निवेश और व्यापार के नए अवसर पैदा हुए हैं।


आयकर विभाग का यह 13.57 लाख करोड़ रुपये से अधिक का प्रत्यक्ष कर संग्रह न केवल सरकार की कर नीतियों की सफलता को दर्शाता है, बल्कि यह देश की आर्थिक स्थिरता का भी संकेत है। करदाताओं की सक्रिय भागीदारी और सरकार की नीतियों में विश्वास ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को संभव बनाया है। आने वाले समय में इस कर संग्रह से देश की आर्थिक योजनाओं को गति मिलेगी और भारत की विकास यात्रा में नया अध्याय जुड़ जाएगा।

वित्तीय वर्ष 2024-25 में आयकर विभाग ने देश के प्रत्यक्ष कर संग्रह में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। 13 लाख 57 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर संग्रह किया गया है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत आधार और बढ़ते कर अनुपालन का परिचायक है। यह आंकड़ा सरकार के लिए एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है, जो दर्शाता है कि देश के नागरिक और व्यापारिक संगठन अपनी आय के अनुपालन में अधिक सतर्क और जागरूक हो गए हैं।




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