आम मत | पंडित अंजनी कुमार शास्त्री, कोएंबटूर
प्रथम पूज्य भगवान गणेश, शिव-पार्वती के पुत्र के रूप में जाने जाते हैं। शनिवार को गणेश चतुर्थी का पर्व पूरे देश में मनाया जाएगा। इस दिन नौ दिन के लिए गणेश जी को मानने वाला हर व्यक्ति अपने घर में गणेश प्रतिमा स्थापित करेगा। वैसे तो गणेश चतुर्थी का पूजन बहुत जटिल नहीं, फिर भी कुछ ऐसे काम हैं जिन्हें इस दिन करने से आपको बहुत बड़ा संकट उठाना पड़ सकता है। आइए आपको बताते हैं वह क्या काम है जिसे आपको गणेश चतुर्थी के दिन नहीं करना चाहिए।
चंद्रमा के दर्शन ना करें
गणेश चतुर्थी के दिन भूलकर भी चंद्रमा के दर्शन न करें। यदि आपने इस दिन चंद्रमा का दर्शन कर लिया तो आप पर कलंक या गलत आरोप लग सकता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, गणेश चतुर्थी को चंद्रमा दर्शन के कारण ही भगवान कृष्ण पर स्यमंतक मणि चोरी करने का मिथ्या आरोप लगा था।
गणेश जी ने चंद्रमा को दिया था श्राप
ऐसी मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के दिन चांद बेहद खूबसूरत नजर आता है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन गणेश भगवान ने चांद को यह श्राप दिया कि जो भी इस दिन चांद का दीदार करेगा उसे कलंक लगेगा। गणेश पुराण के अनुसार एक बार भगवान कृष्ण ने भी शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन आसमान में नज़र आ रहे खूबसूरत चांद को देख लिया। कुछ दिनों बाद उन पर हत्या का झूठा आरोप लगा। श्रीकृष्ण को बाद में नारद मुनि ने ये बताया कि ये कलंक उन पर इसलिए लगा है, क्योंकि उन्होंने चतुर्थी के दिन चांद देख लिया।
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गणेश पुराण में वर्णित एक कथा के अनुसार गणेश जी के सूंड वाले मुख को देखकर एक बार चांद को हंसी आ गई। इससे गणेश जी बहुत नाराज़ हो गए और उन्होंने चांद से कहा कि, तुम्हें अपनी खूबसूरती पर बहुत गुरुर है…आज मैं तुम्हे श्राप देता हूं कि आज के दिन तुम्हें जो भी देखेगा उसे कलंक लगेगा। तब से लेकर आज तक गणेश चतुर्थी के दिन चांद को देखने से मना किया जाता है।
गणेश जी के श्राप से चन्द्रमा को अपनी गलती का एहसास हुआ और वे दुखी मन के साथ घर में जाकर छिपकर बैठ गए। बाद में जाकर सभी देवताओं ने चन्द्रमा को मनाया और उन्हें समझाया कि वे मोदक और पकवान बनाकर गणेश जी की पूजा अर्चना करें जिससे वे खुश हो जाएंगे।
बाद में चन्द्रमा ने ऐसा ही किया तब जाकर भगवान गणेश खुश हुए। साथ ही, उन्होंने कहा कि श्राप पूरी तरह खत्म नहीं होगा, जिससे कोई किसी के रूप रंग को देखकर उपहास नहीं उड़ाए। इसलिए आप भी आगे से ये गलती ना करें और गणेश चतुर्थी के दिन मोदक और पकवान बनाएं और ख़ुशी से यह त्योहार मनाएं।
गणेश पूजन के शुभ मुहूर्त
- भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी शनिवार
दि. 22 अगस्त 2020 ई.
- मध्याह्नव्यापिनी – सभी माङ्गलिक कार्यों हेतु..
दोपहर 11 – 16 बजे से 01 – 51 बजे तक,
चौघड़िया के अनुसार..
शुभ वेला – भूमि भवन गृह प्रवेश हेतु..
प्रातः 07 – 41 से 09 – 17 बजे तक,
चर वेला- वाहन खरीदने हेतु..
दोपहर 12 – 30 से 02 – 06 बजे तक,
लाभ एवं अमृत वेला – दुकान कारखाना ऑफिस हेतु..
अपराह्न 02 – 06 से सायं 05 – 18 बजे तक,
माता पार्वती और भगवान् शंकर के प्रिय पुत्र श्री गणेश जी की ऋद्धि-सिद्धि के सहित पूजा करने से शुभ-लाभ की प्राप्ति होती है।
ऐसे करें भगवान गणेश का पूजन
पूजा-सामग्री में सिंदूर, हल्दी, कुमकुम, लालवस्त्र, लाल-सफेद पुष्प, दूर्वादल, डंका-जोड़ी, मेवा, मोदक ( लड्डू ) एवं गुड़धाणी आदि अवश्य समर्पित करना चाहिए।
पूजन के समय इन मंत्रों का करें जाप
श्रीगणेश मंत्र : ॐ गं गणपतये नमः
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ।।
श्रीगणपति अथर्वशीर्षः, संकटनाशनगणेश स्तोत्र, श्रीगणेश सहस्रनाम, अष्टोत्तरशत नामावली आदि स्तुतियों का पाठ भी कर सकते हैं…
गलती से चांद देख लें तो ये करें उपाय
आपने चांद देखने की गलती कर दी है तो इस दिन भागवत की स्यमंतक मणि की कथा सुने और पाठ करें। या फिर मौली में 21 दूर्वा बांध कर मुकुट बनाएं और उसे गणेश जी को पहनाएं।
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