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सीबीएसई ने कक्षा 9-12वीं के सिलेबस में की 30 फीसदी कटौती

आम मत, 7 जुलाई 2020

कोरोना के कारण केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कक्षा 9 से 12 तक के सिलेबस में कटौती की है। सिलेबस (Syllabus) में करीब 30 प्रतिशत तक कमी कोर कॉन्सेप्ट (Core Concept) बनाए रखा गया है। इसके बाद अब धर्मनिरपेक्षता और राष्ट्रवाद (Nationalism)जैसे कई अध्यायों को मौजूदा शैक्षणिक वर्ष के लिए पाठ्यक्रम (Syllabus) से हटाए गए हैं। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) और सीबीएसई (CBSE) की कमेटी ने करीब 1500 विशेषज्ञों की राय से नए पाठ्यक्रम तैयार किया। वहीं, 8वीं तक की कक्षाओं के लिए सीबीएसई (CBSE) के निर्देश पर स्कूल खुद सिलेबस (Syllabus) तैयार करेंगे। मानव संसाधन विकास (HRD) मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि जिन टॉपिक्स को पाठ्यक्रम से हटाया है, उन्हें भी स्टूडेंट्स को पढ़ाया जाएगा ताकि उनके कॉन्सेप्ट्स क्लियर रहें। कटौती का असर 11वीं कक्षा में पढ़ाए जाने जाने वाले संघीय ढांचा, राज्य सरकार (State Government) , नागरिकता (Citizenship) , राष्ट्रवाद और धर्मनिरपेक्षता (Secularism) जैसे अध्याय पर दिखेगा। एक वर्ष के लिए ये सभी अध्याय पाठ्यक्रम से हटा दिए गए हैं। कक्षा 11वीं के अंग्रेजी (English) के पाठ्यक्रम में से ”लेटर टू एडिटर (Latter To Editor) और नौकरी के लिए रिज्यूम के साथ अप्लाई करें,” जैसे टॉपिक्स (Topics) को हटाए गए हैं। अब 12वीं कक्षा के छात्रों को मौजूदा वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था का बदलता स्वरूप, नीति आयोग (Niti Ayog ), उदारीकरण, निजीकरण (Privatisation) और वैश्वीकरण (Globalisation) के विशेष संदर्भ के साथ व्यापार, सरकारीकरण, जीएसटी (GST) जैसे विषय नहीं पढ़ाए जाएंगे। सुरक्षा (Security), पर्यावरण (Environment) और प्राकृतिक संसाधनों से जुड़ी यूनिट्स (Units) भी हटा दी गई हैं।

वर्ष 2020-21 के लिए ही मान्य होगी कटौती

निशंक ने कहा, “सिलेबस (Syllabus) में यह कटौती के केवल वर्ष 2020-21 के लिए मान्य होगी।” घटाया गया पाठ्यक्रम बोर्ड परीक्षाओं (Exams) और आतंरिक मूल्यांकन (Internal Assessment) के लिए निर्धारित विषयों का हिस्सा नहीं होगा। कक्षा 10 के छात्रों के लिए, ”समकालीन भारत में वनों और वन्य जीवन पर सामाजिक विज्ञान (Social Science) के चैप्टर को हटा दिया गया है। साथ ही लोकतंत्र और विविधता पर अध्याय, लिंग (Sex), धर्म और जाति (Religion and Caste), लोकप्रिय संघर्ष और आंदोलन, और लोकतंत्र (Democracy) के लिए चुनौतियां, आदि” चैप्टर्स को भी पाठ्यक्रम में से हटा दिया गया है। इसके अलावा कई प्रेक्टिकल एक्सपेरिमेंट्स (Practical Experiment) को भी इस वजह से हटा दिया गया है क्योंकि स्टूडेंट्स को इस शैक्षणिक वर्ष में लैब (Lab) में अधिक वक्त नहीं मिल पाएगा। यह कटौती केवल मौजूदा शैक्षणिक वर्ष (Academic Year) तक सीमित रहेगी। फिलहाल सिलेबस में कटौती का फायदा सिर्फ कक्षा 9 से 12 तक के स्कूली छात्रों को ही मिलेगा।

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