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8वें दौर की वार्ता भी बेनतीजा, कृषि मंत्री बोले- कानूनों पर देशभर के किसानों से करेंगे बातचीत

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आम मत | नई दिल्ली

कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों की सोमवार को केंद्र सरकार से 8वें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही। अगली बैठक 8 जनवरी को होगी। एक ओर किसान संगठन जहां तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। वहीं, मोदी सरकार हठधर्मिता दिखाते हुए ऐसा नहीं करना चाहती।

बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि वे अन्य राज्यों के किसानों से भी इन कानूनों को लेकर बातचीत करेंगे। बहुत से राज्यों के किसान और संगठन इन तीनों कानूनों का समर्थन कर रहे हैं। उनका मानना है कि इससे किसानों का फायदा होगा। उन सब से बातचीत करने के बाद ही मैं आपको बता पाऊंगा। इसलिए 8 जनवरी मीटिंग रखी गई है।

किसानों ने कहा कि ताली दोनों हाथों से बजती है। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बैठक के बाद कहा कि कानून वापसी नहीं, तो घर वापसी नहीं होगी। वहीं किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा, ”हम केवल एमएसपी मुद्दे और कानूनों को निरस्त किए जाने पर ही चर्चा करेंगे। मुद्दे को सुलझाने की राह में सरकार का अहंकार आड़े आ रहा है। उन्होंने कहा, तीनों कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने के अलावा किसानों को कुछ भी मंजूर नहीं।

किसान संगठनों के नेताओं ने बताया कि हम कृषि कानून निरस्त करने पर जोर दे रहे हैं और सरकार आंतरिक विचार विमर्श के बाद आएगी। बैठक में किसान संगठन प्रारंभ से ही तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पर अड़े हुए थे जबकि सरकार की ओर से मंत्रियों द्वारा कानूनों के फायदे गिनाए गए।

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