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5 घंटे वार्ता, नहीं निकला नतीजा, 9 को फिर होगी बातचीत, किसान बोले- कानून रद्द कराकर मानेंगे

आम मत | नई दिल्ली

किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच शनिवार को पांच घंटे चली बातचीत का नतीजा नहीं निकला। सरकार ने किसानों से 9 तारीख तक का समय मांगा है। जानकारी के अनुसार, दिल्ली के विज्ञान भवन में पांचवें दौर की वार्ता के दौरान किसान नेता शांत बैठ गए थे। मंत्री आपस में बात करने के लिए बाहर चले गए थे। किसान नेता एक पन्ने पर हां या ना यानी यस या नो लिखकर बैठे थे। किसान संगठन के नेता बैठक में मंत्रियों के सामने यस या नो प्ले कार्ड लेकर बैठ गए।

बातचीत के दौरान किसान नेता सरकार से बेहद नाराज नजर आए। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार हमारी मांगों पर फैसला ले, नहीं तो हम बैठक से जा रहे हैं। किसानों संगठनों ने बैठक में कनाडा के प्रधानमंत्री के बयान का हवाला दिया। किसान नेताओं ने कहा कि नए कृषि कानूनों पर कनाडा के प्रधानमंत्री और वहां की संसद चर्चा कर रही है, लेकिन हमारी सरकार हमारी बात को नहीं सुन रही।

किसान संगठनों ने सरकार से कहा कि हमारे पास एक साल की सामग्री है। सरकार को तय करना है वो क्या चाहती है। किसान नेताओं ने सरकार से कहा कि आप बता दीजिए कि आप हमारी मांग पूरी करेंगे या नहीं। बैठक के बाद किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार ने कहा है कि वे हमें 9 दिसंबर को एक प्रस्ताव भेजेंगे। हम (किसान) आपस में इस पर चर्चा करेंगे, जिसके बाद उसी दिन उनके साथ बैठक होगी। वहीं, किसान नेता बूटा सिंह ने कहा कि हम कानून रद्द करा कर ही मानेंगे। इससे कम पर हम मानने वाले नहीं हैं।

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