Heat Wave Alert in Rajasthan: राजस्थान में मौसम ने एक गंभीर रूप ले लिया है। पिछले 24 घंटों में प्रदेश के कई हिस्सों में हीटवेव की स्थिति उत्पन्न हुई है। अधिकांश स्थानों पर दिन का तापमान 44 से 46 डिग्री सैल्सियस के बीच रिकॉर्ड किया गया है। बाडमेर जिले में सबसे अधिक तापमान 46.4 डिग्री सैल्सियस दर्ज किया गया, जो कई स्थानों पर रिकॉर्ड तोड़ने वाला रहा। इसके साथ ही मौसम विभाग ने आगामी कुछ दिनों में तापमान में थोड़ी गिरावट का अनुमान जताया है।
Heat Wave Alert in Rajasthan:

मौसम विभाग की एडवाइजरी
मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटों में पश्चिमी विक्षोभ का आंशिक प्रभाव प्रदेश में महसूस हो सकता है। इसके कारण पश्चिमी और उत्तरी भागों में हल्की बारिश के साथ आंधी आने की संभावना जताई गई है, जिससे तापमान में 2 से 3 डिग्री तक की गिरावट हो सकती है। मौसम विशेषज्ञ राधेश्याम शर्मा ने बताया कि इस बदलाव से कुछ राहत मिल सकती है, लेकिन इसके बावजूद, गर्मी का प्रभाव बना रहेगा।
इसके साथ ही, मौसम विभाग ने किसानों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें गर्मी से बचाव के उपाय बताए गए हैं। खासतौर पर फसलों और पशुओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है।
किसानों के लिए सलाह और इंतजाम
मौसम विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे नियमित रूप से सुबह और शाम के समय में फसलों की सिंचाई करें। बढ़ते तापमान के कारण फसलों को नुकसान हो सकता है, इसलिए सिंचाई के समय को बढ़ाना आवश्यक है। इसके साथ ही, किसानों को अपने पशुओं के लिए अधिक पानी उपलब्ध कराने की सलाह भी दी गई है। इसके लिए वाटर पंक्स और अन्य जल स्रोतों की सफाई करने की भी सिफारिश की गई है, ताकि पशु गर्मी से बच सकें।
गर्मी और लू के मद्देनजर, किसानों को लू से बचाव के उपायों के बारे में भी जागरूक किया गया है, ताकि उनकी फसलें और पशु दोनों सुरक्षित रहें।
अधिकारियों द्वारा की जा रही तैयारियां
राज्य सरकार और प्रशासन की ओर से भी तैयारियां जोरों पर हैं। विभिन्न जिलों में गर्मी के प्रभाव को कम करने के लिए प्रशासन ने सार्वजनिक स्थलों पर छांव के इंतजाम किए हैं। इसके अलावा, चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग को पूरी तरह अलर्ट मोड में रखा गया है। अस्पतालों में लू और तापघात के मरीजों के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं।
पशुपक्षियों के लिए भी पानी का प्रबंध किया गया है। सामाजिक संस्थाओं और प्रशासन की ओर से परिंडे लगाए जा रहे हैं और पशुओं के लिए पानी की व्यवस्था की जा रही है। यह कदम गर्मी से पशुओं को होने वाले नुकसान को कम करने के लिए उठाया गया है।
गर्मियों के मौसम में विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता
गर्मी के मौसम में स्वास्थ्य और कृषि दोनों पर भारी असर डालता है। ऐसे में मौसम से निपटने के लिए प्रशासन और किसानों को मिलकर काम करना जरूरी है। आकस्मिक लू और तापघात जैसी समस्याओं से बचने के लिए समय पर उपाय करना बहुत जरूरी है। प्रशासन की तरफ से जारी किए गए उपायों का पालन करना, खासकर फसल सिंचाई और पानी की व्यवस्था, इन दोनों को प्राथमिकता देना किसानों के लिए आवश्यक है।
FAQs
1. इस बार गर्मी में तापमान किस हद तक बढ़ सकता है?
इस साल प्रदेश में तापमान 44 से 46 डिग्री सैल्सियस तक बढ़ सकता है, हालांकि, आगामी दिनों में पश्चिमी विक्षोभ के कारण तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट हो सकती है।
2. किसानों के लिए गर्मी से बचाव के उपाय क्या हैं?
किसानों को नियमित रूप से सुबह और शाम फसलों की सिंचाई करने की सलाह दी गई है। इसके अलावा, उन्हें पशुओं के लिए पानी की व्यवस्था करने के साथ-साथ लू से बचाव के उपायों का पालन करने की भी सलाह दी जा रही है।
3. प्रशासन द्वारा किसानों के लिए क्या इंतजाम किए गए हैं?
प्रशासन ने किसानों के लिए सिंचाई की बेहतर व्यवस्था, पशुओं के लिए पानी की उपलब्धता और लू से बचाव के उपायों के लिए एडवाइजरी जारी की है। इसके अलावा, स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष चिकित्सीय इंतजाम भी किए गए हैं।
4. हीटवेव के दौरान किस प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं?
हीटवेव के दौरान लू, तापघात और डिहाइड्रेशन जैसी स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। ऐसे में समय रहते उपचार और सावधानी बरतना जरूरी है।
5. गर्मी से बचने के लिए पशुओं को क्या करना चाहिए?
पशुओं को ज्यादा पानी पिलाना चाहिए और उन्हें धूप से बचाकर छांव में रखना चाहिए। इसके साथ ही, परिंडे और पानी के अन्य स्रोतों का इंतजाम भी जरूरी है।
मुख्य बातें
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