जम्मू-कश्मीरः शोपियां में सुरक्षा बलों ने 3 आतंकी किए ढेर, मुठभेड़ जारी
पुलिस ने बताया कि मारे गए आतंकियों में से दो की पहचान हो गई। एक आतंकी शकूर पर्रे अल बद्र संगठन से जुड़ा था। वहीं, दूसरा आतंकी सुहैल भट्ट है।
पुलिस ने बताया कि मारे गए आतंकियों में से दो की पहचान हो गई। एक आतंकी शकूर पर्रे अल बद्र संगठन से जुड़ा था। वहीं, दूसरा आतंकी सुहैल भट्ट है।
हरियाणा पुलिस उसे प्रोडक्शन वॉरंट पर ले जाना चाहती है। ऐसे में उसे डर है कि कानपुर के गैंगस्टर विकास दुबे की तरह उसका भी एनकाउंटर ना कर दिया जाए। ऐसे में उसे उचित सुरक्षा देकर और हाथ-पैर बांधकर हरियाणा लाया जाए, जिससे भागने के आरोप पर फर्जी मुठभेड ना हो सके।
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि विकास दुबे का एनकाउंटर बिलकुल सही थी। वह पैरोल पर था और हिरासत से भागने की कोशिश की थी।
मामले में भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) शरद अरविंद बोबडे के नेतृत्व वाली पीठ सुनवाई कर रही है। विकास और उसके साथियों के एनकाउंटर की सीबीआई जांच को लेकर वकील घनश्याम उपाध्याय और अनूप प्रकाश अवस्थी ने याचिका दायर की थी।
मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बैंच करेगी। बैंच के दो अन्य सदस्य जस्टिस आर. सुभाष रेड्डी और जस्टिस ए. बोपन्ना हैं।
इस वारदात की अगली सुबह यानी 3 जुलाई से शुरू हुई गैंग के खात्मे की शुरुआत।
महाराष्ट्र एटीएस के प्रमुख दया नायक के नेतृत्व में कार्रवाई को अंजाम दिया गया। टीम ने ठाणे के कोलशेत रोड स्थित एक मकान पर छापा मार कर दोनों को गिरफ्तार किया।
पुलिस भले ही कहती रहे कि विकास दुबे की कार पलट गई थी। उसके बाद विकास ने पुलिसकर्मी की पिस्टल छीनी और भागने की कोशिश की।
डरे हुए आकाश से पुलिस ने पूछताछ की ओर फिर वापस घर पर छोड़ गई।
विकास के माता-पिता अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुए। उन्होंने कहा कि हमारा उससे कोई रिश्ता नहीं है। पिता रामकुमार दुबे ने पुलिस कार्रवाई को उचित कहा।