आम मत न्यूज़ ब्यूरो | नई दिल्ली
Israel-Iran Conflict: इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्पष्ट किया है कि इजराइल द्वारा ईरान पर किए गए हमले पूरी तरह से राष्ट्रीय सुरक्षा से प्रेरित हैं और इसमें किसी प्रकार का अमेरिकी दबाव नहीं है।
इजराइल की राष्ट्रीय सुरक्षा पर केंद्रित नीति
इजराइल-ईरान संघर्ष के बीच इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने जोर देकर कहा कि इजराइल द्वारा ईरान के खिलाफ किए गए हमले किसी भी बाहरी दबाव, विशेष रूप से अमेरिकी दबाव से प्रेरित नहीं हैं। उनका कहना है कि इन हमलों का उद्देश्य इजराइल की राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करना है, जिसमें किसी भी बाहरी प्रभाव को अनुमति नहीं दी जाएगी।
नेतन्याहू के कार्यालय ने एक रिपोर्ट का खंडन किया, जिसमें दावा किया गया था कि इजराइल ने अमेरिकी दबाव के कारण ईरान की तेल और गैस सुविधाओं पर हमला करने से मना कर दिया था। इस रिपोर्ट को “पूरी तरह से गलत” बताते हुए नेतन्याहू ने कहा कि इजराइल रक्षा नीति पूरी तरह से उसकी स्वतंत्रता और राष्ट्रीय सुरक्षा पर केंद्रित है।
ईरान की परमाणु नीति और इजराइल का रुख
इजराइल का मानना है कि ईरान की परमाणु नीति पूरी तरह से क्षेत्रीय अस्थिरता को बढ़ावा देती है और इससे इजराइल की सुरक्षा को गहरा खतरा है। इसी कारण, इजराइल ने बार-बार स्पष्ट किया है कि वह ईरान को परमाणु शक्ति बनने से रोकने के लिए हर संभव कदम उठाएगा। ईरान पर इजराइल के हमले मुख्य रूप से ईरान के परमाणु कार्यक्रम और उसके सैन्य ठिकानों पर केंद्रित रहे हैं। इजराइल का यह भी मानना है कि ईरान की परमाणु नीति न केवल मध्य पूर्व बल्कि पूरी दुनिया की अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।
इजराइल-ईरान संघर्ष और बढ़ते तनाव
इजराइल-ईरान तनाव में वृद्धि तब देखी गई जब इजराइल ने ईरान के सैन्य ठिकानों और उसके सहयोगियों जैसे हिजबुल्लाह और हमास के खिलाफ कई हमले किए। नेतन्याहू ने कहा कि इजराइल के इन कदमों का मुख्य उद्देश्य अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाए रखना और संभावित खतरों को खत्म करना है। इजराइल ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह अपने नागरिकों और सीमाओं की रक्षा के लिए हर आवश्यक कदम उठाएगा।
इजराइल और ईरान के बीच का यह तनाव वर्षों पुराना है, और दोनों देशों के बीच मध्य पूर्व राजनीति की जटिलताओं ने इसे और अधिक तीव्र बना दिया है। ईरान के समर्थन से चलने वाले कई आतंकी संगठनों और परमाणु कार्यक्रम के कारण, इजराइल ने बार-बार ईरान पर हमले किए हैं।
इजराइल की रक्षा नीति: अमेरिकी दबाव के खिलाफ स्वतंत्र निर्णय
नेतन्याहू का यह बयान कि इजराइल के हमले राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हैं और इसमें किसी प्रकार का अमेरिकी दबाव नहीं है, यह दिखाता है कि इजराइल पूरी तरह से स्वतंत्र रूप से अपने फैसले लेता है। हालांकि अमेरिका इजराइल का एक महत्वपूर्ण साझेदार है, इजराइल अपनी रक्षा नीति में पूरी तरह स्वायत्त है। नेतन्याहू ने यह भी कहा कि इजराइल की रक्षा नीति किसी बाहरी दबाव के बिना बनाई जाती है और इसका मुख्य उद्देश्य इजराइल की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और मध्य पूर्व राजनीति
इजराइल द्वारा ईरान पर किए गए हमलों और उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने की नीति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी समर्थन मिल रहा है। कई देशों ने इजराइल की इस नीति का स्वागत किया है, क्योंकि इससे क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने में मदद मिल सकती है। वहीं, ईरान ने इन हमलों की कड़ी निंदा की है और इसे अपनी संप्रभुता के खिलाफ माना है।
मध्य पूर्व में राजनीतिक तनाव और सैन्य कार्रवाइयों के बीच, इजराइल ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जाएगा।
Israel-Iran Conflict
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व में इजराइल ने यह साफ कर दिया है कि उसकी रक्षा नीति पूरी तरह से उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा पर केंद्रित है। ईरान पर इजराइल के हमले इस बात का प्रमाण हैं कि इजराइल अपने नागरिकों और सीमाओं की सुरक्षा के लिए हर कदम उठाने के लिए तैयार है।
इजराइल की यह नीति स्पष्ट रूप से दिखाती है कि वह किसी बाहरी दबाव में नहीं आता और उसकी स्वतंत्रता और स्वायत्तता उसकी प्राथमिकता है। आने वाले समय में, इजराइल और ईरान के बीच का यह संघर्ष और बढ़ सकता है, क्योंकि इजराइल की सुरक्षा नीतियाँ इसे और आक्रामक बना रही हैं।
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