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‘बाल विवाह मुक्त भारत’ राष्ट्रीय अभियान का शुभारंभ: बच्चों के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण पहल

नई दिल्ली, 27 नवंबर 2024:

आम मत: नई दिल्ली में ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ राष्ट्रीय अभियान (Bal Vivah Mukt Bharat Abhiyan) का भव्य शुभारंभ किया गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी और अन्य प्रमुख गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इस अभियान का उद्देश्य देश को बाल विवाह जैसी गंभीर समस्या से मुक्त कर बच्चों के भविष्य को सशक्त बनाना है।

इस मौके पर अन्नपूर्णा देवी ने न केवल अभियान की रूपरेखा प्रस्तुत की, बल्कि इसके तहत विकसित एक विशेष ऑनलाइन पोर्टल का भी अनावरण किया। इस मंच के जरिए बाल विवाह के मामलों की सूचना दी जा सकेगी, और इस सामाजिक कुरीति को रोकने के लिए समाज को जागरूक किया जाएगा।

Bal Vivah Mukt Bharat Abhiyan Portal

अभियान का महत्व और उद्देश्य

बाल विवाह मुक्त भारत अभियान का उद्देश्य समाज से बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म करना है। बाल विवाह न केवल बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि उनके अधिकारों और स्वतंत्रता को भी बाधित करता है।

इस अभियान के माध्यम से सरकार का लक्ष्य है:

  • जागरूकता बढ़ाना: लोगों को बाल विवाह के दुष्प्रभावों और इसके कानूनी परिणामों के प्रति जागरूक करना।
  • कानूनी प्रवर्तन: बाल विवाह निषेध अधिनियम को सख्ती से लागू करना।
  • समुदाय की भागीदारी: समाज के हर वर्ग को इस पहल का हिस्सा बनाना।

ऑनलाइन पोर्टल की भूमिका

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अभियान के तहत लॉन्च किया गया ऑनलाइन पोर्टल एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में काम करेगा। इस पोर्टल का उद्देश्य बाल विवाह रोकने के प्रयासों को डिजिटल रूप से संगठित करना है।

पोर्टल की विशेषताएं:

  • सत्यापित जानकारी: बाल विवाह की घटनाओं की रिपोर्टिंग के लिए।
  • सहायता केंद्र: कानूनी और परामर्श सेवाओं की सुविधा।
  • जागरूकता सामग्री: बच्चों, माता-पिता और शिक्षकों के लिए जानकारी।
  • निगरानी और निगरानी: प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए।

यह पोर्टल बाल विवाह के मामलों को रिकॉर्ड करने और उन्हें संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाने में मदद करेगा।


कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री का संबोधन

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा:

“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार बेटियों और महिलाओं के सशक्तिकरण के प्रति प्रतिबद्ध है। ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान बच्चों के अधिकारों की रक्षा और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।”

उन्होंने यह भी कहा कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसे अभियानों की सफलता ने बेटियों को शिक्षा और नेतृत्व में आगे बढ़ने का प्रोत्साहन दिया है।


बाल विवाह रोकने के लिए सामूहिक प्रतिज्ञा

कार्यक्रम के दौरान, मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने सभी उपस्थित लोगों को बाल विवाह के खिलाफ सामूहिक प्रतिज्ञा दिलाई। इस प्रतिज्ञा में शामिल थे:

  • बाल विवाह रोकने का वादा।
  • समाज में जागरूकता फैलाने का संकल्प।
  • बच्चों को उनके अधिकार दिलाने के लिए सहयोग।

यह कदम देशभर में सामूहिक जागरूकता पैदा करने के लिए प्रेरणा का काम करेगा।


समाज में लिंग समानता और बेटियों की भूमिका

इस अभियान के तहत, सरकार ने बेटियों के सशक्तिकरण और लिंग समानता को प्राथमिकता दी है।

महिलाओं के लिए उपलब्ध सरकारी योजनाएं:

  • सुकन्या समृद्धि योजना: बेटियों की शिक्षा और विवाह के लिए।
  • उज्ज्वला योजना: महिलाओं को रसोई गैस की सुविधा।
  • प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना: गर्भवती महिलाओं के लिए वित्तीय सहायता।

इन योजनाओं के जरिए महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने का प्रयास किया गया है।


अभियान के प्रभाव और भविष्य की योजनाएं

इस अभियान के माध्यम से सरकार की योजना है:

  1. शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करना।
  2. बाल विवाह की घटनाओं में कमी लाना।
  3. सामाजिक संरचना को बेहतर बनाना।
  4. महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना।

भविष्य की योजनाओं में बाल विवाह रोकथाम के लिए डिजिटल जागरूकता अभियान और स्कूलों में वर्कशॉप आयोजित करना शामिल है।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

  1. बाल विवाह मुक्त भारत अभियान का उद्देश्य क्या है?

    इस अभियान का उद्देश्य भारत को बाल विवाह से मुक्त बनाना और बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना है।

  2. इस अभियान में कौन-कौन से अधिकारी शामिल हैं?

    देशभर के बाल विवाह निषेध अधिकारी, सरकारी अधिकारी और नागरिक समाज संगठन इस अभियान में शामिल हैं।

  3. ऑनलाइन पोर्टल कैसे काम करेगा?

    यह पोर्टल बाल विवाह की घटनाओं की सूचना देने और संबंधित सेवाओं को सुगम बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

  4. अभियान से किसे लाभ होगा?

    बच्चे, विशेष रूप से लड़कियां, जो बाल विवाह के कारण अपने अधिकारों से वंचित रहती हैं।

  5. बाल विवाह रोकने के लिए क्या उपाय किए गए हैं?

    कानूनी प्रवर्तन, जागरूकता अभियान और सामुदायिक भागीदारी इस समस्या को रोकने के लिए मुख्य उपाय हैं।


‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान देश के भविष्य को सशक्त और उज्जवल बनाने का एक प्रयास है। समाज की हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह इस अभियान का हिस्सा बने और बच्चों के अधिकारों की रक्षा करे।

अभियान की सम्पूर्ण जानकारी के लिए पोर्टल पर विजिट करें


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