अध्यात्मज्योतिष

इस Mahashivratri पर लगेगा पंचक, जानिए किन बातों का रखें ध्यान

आम मत | नई दिल्ली

हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्त्व है। महाशिवरात्रि (Mahashivratri) भगवान शिव को समर्पित पर्व है। हर साल यह त्योहार फाल्गुन माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 11 मार्च को दोपहर 2 बजकर 41 मिनट से 12 मार्च दोपहर 3 बजकर 3 मिनट तक ही रहेगी। इस बार शिवरात्रि 11 मार्च को है। वहीं, इस बार महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के दिन पंचक लग रहे हैं। आइए आपको बताते हैं पंचक में किन विशेष बातों का ध्यान रखा जाता है।

पंचक का समय

हिन्दू पंचांग के अनुसार, पंचक 11 मार्च को सुबह 9 बजकर 21 मिनट से शुरू होकर 16 मार्च की सुबह 4 बजकर 44 मिनट तक रहेंगे।

महाशिवरात्रि (Mahashivratri) में बनेंगे ये दो शुभ योग

इस वर्ष महाशिवरात्रि में दो महान योग बन रहे हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, 11 मार्च की सुबह 9 बजकर 22 मिनट तक महान ‘शिवयोग’ और उसके बाद ‘सिद्धयोग’ आरंभ हो जाएगा। ये दोनों योग पूजा-आराधना में विशेष फलदायी माना गया है।

पंचक के दौरान इन बातों का रखें विशेष ध्यान

Mahashivratri: शास्त्रों के अनुसार, पंचक के दौरान कुछ विशेष कार्यों को करना वर्जित माना जाता है। पंचक के दौरान लकड़ी इकठ्ठी करना, चारपाई खरीदना या बनवाना, घर की छत बनवाना एवं दक्षिण दिशा की ओर यात्रा करना अशुभ माना जाता है। इन कामों को छोड़कर आप कोई भी काम कर सकते हैं। वह शुभ माना जाता है।

कब बनता है पंचक?

मुहूर्त ज्योतिष के महानतम ग्रन्थ ‘मुहूर्त चिंतामणि’ के अनुसार घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद तथा रेवती ये नक्षत्र पर जब चन्द्रमा गोचर करते हैं तो उस काल को पंचक काल कहा जाता है। इसे ‘भदवा’ भी कहते हैं। पंचक निर्माण तभी होता है जब चन्द्रमा कुंभ और मीन राशि पर गोचर करते हैं।

Mahashivratri: चार प्रकार के होते हैं पंचक  

  • रोग पंचक – रविवार को शुरू होने वाला पंचक रोग पंचक कहलाता है। हर तरह के मांगलिक कार्यों में ये पंचक अशुभ माना गया है। 
  • राज पंचक – सोमवार को शुरू होने वाला पंचक राज पंचक कहलाता है ये पंचक शुभ माना जाता है। 
  • अग्नि पंचक – मंगलवार को शुरू होने वाला पंचक अग्नि पंचक कहलाता है। इस पंचक में किसी भी तरह का निर्माण कार्य और मशीनरी कामों की शुरुआत करना अशुभ माना गया है। 
  • चोर पंचक – शुक्रवार को शुरू होने वाला पंचक चोर पंचक कहलाता है। इस पंचक में लेन-देन, व्यापार और किसी भी तरह के लेन-देन से बचना चाहिए। 
  • बुधवार और गुरुवार को शुरू होने वाले पंचक सभी तरह के कार्य कर सकते हैं यहां तक कि सगाई, विवाह आदि शुभ कार्य भी किए जाते हैं।

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