आम मत | जयपुर
राजस्थान में सियासी ड्रामे के बीच केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) पर जांच का शिकंजा कसता जा रहा है। विधायक खरीद फरोख्त (Horse Treding) मामले में एसओजी (SOG) ने भंवरलाल शर्मा और भाजपा नेता संजय जैन के साथ केंद्रीय मंत्री शेखावत पहले ही नोटिस जारी कर चुका है। वहीं, अब शेखावत के खिलाफ 884 करोड़ के क्रेडिट सोसाइटी घोटाले की जांच फिर से खोली जा रही है।
जयपुर के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने जांच के आदेश देते हुए कहा कि घोटाले में शेखावत के खिलाफ आरोपों की जांच होनी चाहिए। मामले में केंद्रीय मंत्री का नाम भी शामिल है। उल्लेखनीय है कि संजीवनी क्रेडिट घोटाला मामले में एसओजी ने गत वर्ष 23 अगस्त को एफआईआर दर्ज की थी। चार्जशीट में केंद्रीय मंत्री का नाम नहीं था। नाम जोड़ने को लेकर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने भी लगाई गई अर्जी खारिज कर दी थी। इसके बाद याचिकाकर्ता अतिरिक्त जिला न्यायालय पहुंचा था।
ये था पूरा मामला
मामले के अनुसार, संजीवनी क्रेडिट सोसाइटी के निवेशकों की शिकायतों के बाद पिछले साल ही घोटाले का खुलासा हुआ था। मामले में एसओजी ने संजीवनी क्रेडिट के फाउंडर और एमडी विक्रम सिंह को गिरफ्तार किया था। केंद्रीय मंत्री और विक्रम सिंह प्रॉपर्टी के बिजनेस में पार्टनर रह चुके थे। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि संजीवनी क्रेडिट की बड़ी रकम शेखावत और उनके परिवार की कंपनियों को ट्रांसफर की गई थी।
55 हजार लोगों को 1100 करोड़ रुपए का लोन देने का दिया था धोखा
गौरतलब है कि घोटाले में सोसाइटी ने राजस्थान और गुजरात में सैकड़ों ब्रांच खोली थी। इनमें से 211 राजस्थान और 26 गुजरात में खोली गई थी। सोसाइटी ने बड़े फायदे का लालच देकर एक लाख 46 हजार से अधिक निवेशकों से रकम जुटाई थी। एसओजी जांच में खुलासा हुआ कि सोसाइटी ने फर्जीवाड़ा कर 55 हजार लोगों को 1100 करोड़ रुपए का लोन देने का धोखा दिया था।