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राजस्थान सरकार का फैसलाः राज्य में सीधे नहीं हो सकेगी सीबीआई जांच

आम मत | जयपुर

राजस्थान में चल रही खींचतान के बीच अब केंद्र और राज्य सरकार में भी घमासान शुरू हो गया है। राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि प्रदेश में सीबीआई अब किसी भी मामले में सीधे जांच नहीं कर पाएगी। जांच से पहले सीबीआई को राज्य सरकार की सहमति लेनी अनिवार्य होगी। प्रदेश के गृह विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है।

अधिसूचना के अनुसार, प्रदेश सरकार परिस्थिति के हिसाब से किसी भी मामले पर जांच के लिए सहमति देगी तब कोई केंद्रीय एजेंसी जांच कर पाएगी। गहलोत सरकार की वरिष्ठ डिप्टी सेक्रेटरी रवि शर्मा ने यह आदेश जारी किया है। इससे पहले सीबीआई टीम गहलोत समर्थक कांग्रेस विधायक कृष्णा पूनिया के जयपुर स्थित घर पहुंची थी।

जानकारी अनुसार, परिस्थिति के आधार पर ही सरकार किसी केस में जांच की इजाजत देगी। इसके साथ राज्य सरकार की ओर से पहले दी गई जांच की कई मंजूरियां भी रद्द कर दी गई हैं। राज्य सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है, जब राज्य विधायकों की खरीद फरोख्त को लेकर सियासी आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय मामले पर पूरी नजर बनाए हुए है।

गृह मंत्रालय ने राजस्थान सरकार के प्रमख सचिव को तलब कर मामले की पूरी रिपोर्ट मांगी थी। इससे पहले कांग्रेस ने वायरल ऑडियो क्लिप को लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के इस्तीफे की मांग की थी। वहीं, भाजपा ने फोन टैपिंग और विधायक खरीद को लेकर पुलिस को नामजद शिकायत भी दर्ज कराई थी। राज्य सरकार ने मामले की जांच एसओजी को सौंप दी है। एसओजी ने केंद्रीय मंत्री शेखावत को पूछताछ के लिए नोटिस भी जारी किया है।

राज्य सरकार को केंद्र के दबाव का डर

गहलोत सरकार के इस फैसले से माना जा रहा है कि राज्य सरकार को अंदेशा है कि केंद्र सरकार कांग्रेस विधायकों पर दबाव बनाने के लिए सीबीआई का इस्तेमाल कर सकती है। पूर्व में सीएम अशोक गहलोत के नजदीकियों के यहां ईडी और इनकम टैक्स के छापे पड़ चुके हैं। वहीं, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला पहले ही कह चुके हैं कि आयकर के बाद अब केंद्र सरकार ईडी और सीबीआई का भी इस्तेमाल करेगी।

छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल सरकारें भी लगा चुकी हैं ऐसे प्रतिबंध

सीबीआई को राज्य में बिना अनुमति प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने वाला राजस्थान इकलौता राज्य नहीं है। राजस्थान से पहले छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार और पश्चिम बंगाल की ममत बनर्जी सरकार भी इसी तरह के प्रतिबंध लगा चुकी है। ऐसी स्थिति में अब सीबीआई कोर्ट में जाकर इस आदेश को रद्द करवा सकती है।

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