आम मत | जयपुर / नई दिल्ली
राजस्थान कांग्रेस में लंबे समय से चल रहा ड्रामा अब शायद खत्म हो सकता है। कारण है लंबे समय बाद गांधी परिवार के गहलोत-पायलट विवाद मामले में सक्रिय होना। सचिन पायलट ने सोमवार को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की।
राहुल-प्रियंका ने सीएम अशोक गहलोत से भी बात की। बताया जा रहा है कि पायलट से यह मुलाकात गांधी परिवार की पहल पर ही हुई। 14 अगस्त से शुरू होने वाले राजस्थान विधानसभा के सत्र से पहले इस मुलाकात के दौरान पायलट ने राहुल गांधी के सामने अपनी समस्याएं और शर्तें रखीं। पायलट से दोनों नेताओं की तकरीबन डेढ़ घंटे चर्चा हुई।
पायलट की कांग्रेस में वापसी का फॉर्मूला तलाशा जा रहा है, लेकिन पार्टी ने साफ किया है कि मुख्यमंत्री पद के बारे में फिलहाल कोई बात नहीं होगी। पायलट अगर लौटना चाहें तो एडजस्टमेंट के लिए कुछ समय इंतजार भी करना पड़ेगा। सूत्रों के अनुसार, सचिन पायलट से कहा गया है कि दिल्ली आकर पार्टी संगठन में कोई जिम्मेदारी संभालें।
पायलट ने ये रखीं शर्तें
- अशोक गहलोत के अलावा भविष्य में उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की सार्वजनिक घोषणा की जाए
- ये संभव नहीं होने पर पायलट खेमे के दो वरिष्ठ नेताओं को उपमुख्यमंत्री बनाया जाए।
- खेमे के अन्य विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह दी जाए। बोर्ड, न्यास या निगम की कमान दी जाए।
- पायलट को राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया जाए।
- राहुल गांधी की ओर से घोषणा पत्र में किए वादों को लागू करने की सार्वजनिक घोषणा की जाए।