आम मत | कोलकाता
बंगाल चुनावः पश्चिम बंगाल में 25 मार्च से 8 चरणों में चुनाव होने हैं। सभी पार्टियां चुनाव प्रचार में जुट चुकी है। बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सत्तारुढ़ पार्टी टीएमसी का भाजपा से सीधा मुकाबला है। भाजपा के सभी बड़े नेता बंगाल में चुनाव प्रचार करते नजर आ रहे हैं। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को कोलकाता पहुंचे। यहां उन्होंने ब्रिगेड ग्राउंड में जनसभा को संबोधित किया। एक घंटे से ज्यादा समय के भाषण में प्रधानमंत्री ने ममता बनर्जी को आड़े हाथ लिया।
पीएम ने कहा कि ममता बनर्जी और उनकी पार्टी टीएमसी ने लोगों का भरोसा तोड़ा है। लोगों ने ममता बनर्जी पर परिवर्तन के लिए भरोसा किया था, लेकिन उन्होंने उनके भरोसे और सपने को चूर चूर कर दिया। उन्होंने कहा, ”कुछ दिन पहले जब आपने स्कूटी संभाली, तो सब लोग प्रार्थना करते थे कि आप सकुशल रहें, आपको चोट न लग जाए। अच्छा हुआ आप गिरी नहीं, नहीं तो जिस राज्य में वो स्कूटी बनी है, उस राज्य को ही अपना दुश्मन बना लेतीं। आपकी स्कूटी भवानीपुर जाने के बाद नंदीग्राम मुड़ गई। हम नहीं चाहते कि किसी को चोट आए, लेकिन जब स्कूटी ने नंदीग्राम में गिरना तय किया तो हम क्या करें।”
बंगाल चुनावः 2 मई से आगे नहीं चलेंगे डर और भय के पुराने दिन
उन्होंने कहा, ”बंगाल में डर और भय के पुराने दिन 2 मई से आगे नहीं चलने वाले हैं। लोकतंत्र सर्वोपरि है। हर वोटर से कहूंगा कि लोकसभा चुनाव में आपका मंत्र था- चुपचाप कमल छाप। इस बार आपको जोर से छाप, TMC साफ के इरादे से आगे बढ़ना है। ब्रिगेड मैदान फिर से बंगाल में लोकतंत्र स्थापित करने जा रहा है और आप उसके साक्षी बनेंगे।’
बंगाल चुनावः यहां आया हर व्यक्ति असली बदलाव के लिए आया है
मोदी ने कहा कि यहां आया हर आदमी, माताएं-बहनें-बेटियां, बंगाल का युवा आज बंगाल में असली बदलाव के लिए आया है यानी आसोल परिवर्तन। मैं इस ब्रिगेड ग्राउंड से आपको ही आशोल परिवर्तन का विश्वास दिलाने आया हूं। विश्वास बंगाल के विकास का, विश्वास बंगाल में स्थितियों को बदलने का, विश्वास बंगाल में निवेश बढ़ाने का, विश्वास बंगाल के पुनर्निर्माण का, बंगाल की संस्कृति और परंपराओं की रक्षा का।
टीएमसी के विरोध में खड़ी हो गई है बंगाल की जनता
बंगाल उन्नति, शांति, प्रगति और सोनार बांग्ला चाहता है। मैं देख रहा हूं कि इस बार के विधानसभा चुनाव में एक तरफ TMC है, कांग्रेस है, उनका बंगाल विरोधी रवैया है। दूसरी तरफ खुद बंगाल की जनता कमर कसकर के खड़ी हो गई है।