– 2011 की तुलना में 2019 में 5.8 फीसदी बढ़ी अविवाहित युवाओं की तादाद
– राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के सर्वे की रिपोर्ट में खुलासा
जयपुर। अब तो शादी कर लो, कितने सालों तक ऐसे ही घूमोगे? शादी कर लो, अपनी जिम्मेदारियां उठाओ तो हम फ्री हों। ये कुछ ऐसे शब्द है, जो युवाओं (15-29 वर्ष) में अब आउटडेटेड यानी अप्रचलित माने जाते हैं। उन्हें अब सिंगल (Singles Youth), बैचलर, सिंगलहुड जैसे शब्द पसंद आने लगे हैं। उन्हें अब बार-बार सिंगल कहे जाने के तानों से भी कोई फर्क नहीं पड़ता है। कारण, बहुत सारे हैं, लेकिन सच यह है कि शादी जैसा पवित्र बंधन उन्हें जंजीरों में जकड़े जाने जैसा लगता है।
आज के युवा अपनी आजादी को किसी भी कीमत पर कॉम्प्रोमाइज नहीं करना चाहते हैं। इसके लिए वे घर-परिवार, रिश्तेदार और समाज के ताने तक सुनने को भी तैयार हैं। इनमें महिलाओं की तादाद में तो और ज्यादा वृद्धि देखने को मिल रही है। विश्व में सबसे ज्यादा युवा आबादी वाले भारत में अविवाहित युवाओं (Unmarried Singles Youth) की संख्या में वृद्धि देखने को मिल रही है।
Increase in Singles Youth Index
राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (National Statistics Commission) के एक सर्वे के मुताबिक, 2011 की तुलना में 2019 में अविवाहित युवाओं की संख्या में 5.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 2011 में 17.2 फीसदी युवा सिंगल (Singles Youth) थे, जो 2019 में बढ़कर 23 प्रतिशत हो गए। पिछले 3 सालों में इसमें बढ़ोतरी ही हुई है। इसमें पुरुषों की संख्या 20.8 फीसदी से बढ़कर 26.1 प्रतिशत हो गई। वहीं, महिलाओं की बात करें तो हमारे देश में 2011 के 13.5 फीसदी सिंगल महिलाएं थीं, जिनकी तादाद 2019 में बढ़कर 19.9 प्रतिशत हो गई।
हालांकि, इस सर्वे में यह नहीं बताया गया कि क्यों सिंगल महिला-पुरुषों की संख्या में वृद्धि हो रही है, लेकिन इतना जरूर है कि शादी की परिपाटी में गिरावट जरूर देखने को मिली है। शादी के मामलों में गिरावट आने के कुछ कारण हैं। इनमें लिव-इन, कॉन्ट्रेक्ट मैरिज, करिअर मुख्य हैं।
लिव इन | Live-In Relationship-
सबसे पहले बता दें कि असल में लिव-इन की परिभाषा क्या होती है। लिव-इन (Live-In Relationship) वह व्यवस्था है, जिसमें दो वयस्क बिना शादी किए साथ रहते हैं और पति-पत्नी की तरह ही शारीरिक संबंध बनाते हैं। हालांकि, भारत में इसके लिए अलग से कानूनी व्यवस्था नहीं है, लेकिन संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत अपनी मर्जी से शादी करने और किसी के साथ रहने का अधिकार होता है। इससे अलग नहीं माना जा सकता है, क्योंकि आर्टिकल 21 भारत के हर नागरिक को किसी के साथ भी रहने की आजादी और अधिकार देता है। ऐसे में युवाओं में यह चलन बढ़ गया है।
लिव-इन (Live-in Relationship) में दोनों लोगों पर एक-दूसरे की जिम्मेदारी उठाने की कोई बंदिश नहीं होती है। इसलिए युवाओं को यह व्यवस्था काफी पसंद आने लगी हैं। आज के युवा तर्क देते हैं कि भारत में पहले भी लिव-इन अवधारणा थी। इसे लेकर वे कई प्रकार के तर्क देकर लिव-इन को सही साबित करने की कोशिश करते हैं।
कॉन्ट्रेक्ट मैरिज | Contract Marriage-
वह शादी, जिसमें कुछ शर्तों के साथ शादी की जाती है। इन शर्तों की पालना तक ही शादी मान्य रहती है, शर्त टूटने पर शादी खत्म हो जाती है। वर्तमान दौर में युवा ऐसी शादी करने से बिलकुल नहीं हिचकते हैं। वे एक कानूनी कागज पर शादी को लेकर बनाई गई शर्तें लिखते या लिखवाते हैं। दोनों वयस्क, यानी युवक-युवती उसे स्वीकार करते हैं और उसके बाद शादी करते हैं। किसी भी एक के द्वारा शर्तों का उल्लंघन होने पर शादी समाप्त मान ली जाती है। कई बार इसमें कुछ समय के लिए शादी के कॉन्ट्रेक्ट या एग्रीमेंट के मान्य रहने का क्लॉज भी डाला जाता है। अगर इस दौरान सब सही रहता है तो शादी स्थायी हो जाएगी, लेकिन शर्तों का अत्यधिक उल्लंघन होने पर भी शादी खारिज हो जाएगी।
इस प्रकार की शादी के पीछे तर्क गंगा और राजा शांतनु की शादी का भी दिया जाता है। युवाओं के अनुसार, दोनों की शादी के दौरान गंगा की शर्त थी कि शांतनु कभी गंगा से कोई प्रश्न नहीं करेंगे। अगर वे ऐसा करते हैं तो गंगा हमेशा के लिए उन्हें छोड़कर स्वर्ग लौट जाएगी। कालांतर में ऐसा ही होता है और राजा शांतनु अपनी शर्त का उल्लंघन कर देते हैं और गंगा स्वर्ग लौट जाती हैं। उनके बेटे को ही देवव्रत या गंगापुत्र या भीष्म पितामह के नाम से भी जाना जाता है। इस शादी के संबंध में ऐसे तर्क भी युवाओं द्वारा रखे जाते हैं।
करिअर | Career-
युवाओं का शादी न करने का सबसे बड़ा और अहम कारण करिअर है। वर्तमान दौर में युवा करिअर कॉन्शस हो गए हैं। इनमें महिलाओं की संख्या ज्यादा है। युवा शादी करने से पहले करिअर बनाने में विश्वास करते हैं। वे आजकल करिअर और पैसे को शादी और परिवार से ज्यादा तवज्जो देने लगे हैं। देश में करिअर ऑरिएंटेड महिलाओं की संख्या में लगातार वृद्धि होती जा रही है। देश में 15 प्रतिशत से ज्यादा अविवाहित महिलाएं कामकाजी हैं। वर्तमान दौर में महिलाएं शादी से पहले करिअर के बारे में सोचती हैं। ऐसे में शादी की करने की उम्र में भी वृद्धि हो रही है तो सिंगलहुड में जीने वालों की संख्या भी बढ़ रही है।
टॉप 10 देश जहां सबसे ज्यादा सिंगल महिलाएं हैं | Top 10 countries with the most single women
– नेपाल 54.4
– लात्विया 54.0
– लिथुआनिया 53.7
– यूक्रेन 53.7
– रूस 53.7
– बेलारूस 53.5
– एल सेल्वाडोर 53.2
– अर्मेनिया 53.0
– एस्टोनिया 52.7
– पुर्तगाल 52.7
Article By- पुलकित शर्मा (Pulakit Sharma) (लेखक के पास पत्रकारिता में 14 साल से अधिक का कार्य अनुभव है और विभिन्न प्रसिद्ध समाचार पत्रों और मीडिया हाउस के साथ रिपोर्टर, लेखक और संपादक के रूप में काम किया है।)