आम मत | उज्जैन
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) से गिरफ्तार (Arrested) किए गए विकास दुबे (Vikas Dubey) से मध्यप्रदेश पुलिस ने पूछताछ की। मुठभेड़ को लेकर विकास ने बड़ा खुलासा किया। उसने पूछताछ में बताया कि वह मुठभेड़ में मारे गए सभी आठों पुलिसवालों को जलाना चाहता था। इसके जरिए वह सबूत नष्ट करने की फिराक में था, लेकिन उसे इसका मौका नहीं मिल पाया। उसने बताया कि कानपुर के चौबेपुर के बिकरु के जिस घर के पास मुठभेड़ हुई थी। उस घर के बगल में ही स्थित कुएं के पास 5 पुलिसकर्मियों के शव एक के ऊपर एक रखे गए थे। इसके बाद उन्हें आग लगानी थी। आग के लिए घर में सैकड़ों गैलन मिट्टी का तेल और पेट्रोल मौजूद था। ऐसा करने का उन्हें मौका नहीं मिल पाया और सभी को घटनास्थल से भागना पड़ा था। उसने सभी साथियों से अलग-अलग दिशा में भागने के लिए कहा था। गांव से निकलने के समय जिस साथी को जिस ओर समझ आया, वह उस ओर भाग गया। सभी लोगों को पुलिस के सुबह रेड मारने की सूचना मिली थी। लेकिन पुलिस ने रात में भी दबिश दे दी। मुठभेड़ के अगले दिन विकास का मामा मारा गया था। वह जेसीबी का इंचार्ज था। जेसीबी को उसके (विकास) ही राजू नाम के साथी ने सड़क के बीच खड़ा कर दिया था। मामा को अगले दिन पुलिस ने मार गिराया।
चौबेपुर थाने के पुलिसवालों की हर जरूरत पूरी की थी विकास ने
गैंगस्टर विकास ने पूछताछ में यह भी बताया कि सिर्फ चौबेपुर ही नहीं, बल्कि आस-पास के सभी थानों में भी उसके कई मददगार थे। वे उसकी हर मामले में मदद करते थे। लॉकडाउन के दौरान उसने चौबेपुर थाने के सभी पुलिसकर्मियों का सभी तरह से ध्यान रखा था। उसने उनकी खाना खिलाने से लेकर अन्य जरुरत पूरी की थी। उल्लेखनीय है कि मामले में पूरे चौबेपुर थाना को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं, चौबेपुर थाना के प्रभारी और बीट ऑफिसर को गिरफ्तार कर लिया गया है।