श्रीनगर, 29 अप्रैल (Kashmir Tourism Crisis) — कश्मीर घाटी में हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले ने एक बार फिर से क्षेत्र के पर्यटन उद्योग को गहरे संकट में धकेल दिया है। सुरक्षा चिंताओं के चलते पर्यटकों ने बड़ी संख्या में अपनी यात्रा योजनाएं रद्द कर दी हैं, जिससे होटल व्यवसाय, स्थानीय हस्तशिल्प उद्योग और टूर ऑपरेटरों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है।
Kashmir Tourism Crisis: 80% advance bookings Cancelled
कश्मीर होटल एंड रेस्टॉरेंट ओनर्स फेडरेशन के अनुसार, घाटी में लगभग 80% advance bookings को रद्द कर दिया गया है, जिससे पर्यटन क्षेत्र को करीब ₹2000 करोड़ के आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। यह नुकसान न केवल राज्य के राजस्व पर असर डालेगा, बल्कि हजारों परिवारों की आजीविका पर भी सीधा प्रभाव डालेगा।
सुरक्षा के चलते बंद हुए सार्वजनिक स्थल
घाटी में सुरक्षा कारणों से प्रशासन ने 50 से अधिक सार्वजनिक पार्क और उद्यानों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। इसके अलावा, गुलमर्ग, सोनमर्ग और पहलगाम जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों पर सन्नाटा पसरा हुआ है, जहां आमतौर पर अप्रैल और मई के महीनों में peak tourist season देखा जाता है।
कश्मीर टूरिज़्म डिपार्टमेंट के एक अधिकारी ने बताया,
“हालिया घटनाओं के कारण पर्यटकों की संख्या में तेज़ गिरावट आई है। हालांकि सुरक्षा बल पूरी तरह सतर्क हैं, लेकिन डर का माहौल बना हुआ है।”
स्थानीय व्यवसायों पर संकट की छाया
पर्यटकों की कमी का सीधा असर घाटी के local businesses पर पड़ा है। होटल संचालकों, हाउस बोट मालिकों, ट्रैवल एजेंट्स, टैक्सी ड्राइवरों, और हस्तशिल्प विक्रेताओं के पास फिलहाल काम नहीं है।
श्रीनगर के एक होटल मालिक गुलाम मोहम्मद डार ने बताया,
“हमने पूरे सीजन के लिए तैयारियां की थीं, मगर अब कमरे खाली हैं और स्टाफ परेशान है।”
हस्तशिल्प कारोबार जो अक्सर पर्यटकों के ज़रिए फलता-फूलता है, वह भी इस संकट से अछूता नहीं रहा। Kashmiri shawls, papier-mâché items और अन्य पारंपरिक उत्पादों की बिक्री में लगभग 70% की गिरावट आई है।
Kashmir Tourism Loss: सरकार से राहत की मांग

कश्मीर होटल एसोसिएशन और अन्य व्यापार संगठनों ने केंद्र और राज्य सरकार से तत्काल financial relief package की मांग की है। उन्होंने सुझाव दिया है कि घाटी में पर्यटन को फिर से सक्रिय करने के लिए confidence building measures, incentives और एक मीडिया कैंपेन की आवश्यकता है।
Jammu and Kashmir Tourism: क्या दोबारा लौटेगा कश्मीर का पर्यटन?

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सुरक्षा की स्थिति को शीघ्र नियंत्रण में लाया जाए और सरकार द्वारा सक्रिय प्रयास किए जाएं, तो पर्यटन धीरे-धीरे पुनर्जीवित हो सकता है। पर्यटन विशेषज्ञ डॉ. शबाना रज़ा कहती हैं,
“कश्मीर की सुंदरता अद्वितीय है, लेकिन सुरक्षा की भावना इसकी कुंजी है। विश्वसनीयता बहाल करनी होगी।”
स्थानीय समुदाय की अपील
घाटी के निवासी भी इस संकट को लेकर चिंतित हैं और देशवासियों से अपील कर रहे हैं कि वे कश्मीर की real ground situation को समझें और डर की बजाय सहयोग की भावना से जुड़ें। स्थानीय लोगों का कहना है कि शांतिपूर्ण और समृद्ध कश्मीर ही सभी के हित में है।
आप क्या सोचते हैं? क्या कश्मीर का पर्यटन फिर से अपनी रफ्तार पकड़ पाएगा? आप सरकार और समाज से किस तरह की पहल की उम्मीद करते हैं?
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