न्यूयॉर्क, 29 अप्रैल — VoTAN: आतंकवाद से पीड़ित लोगों की आवाज़ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व देने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए, संयुक्त राष्ट्र ने Victims of Terrorism Advocacy Network (VoTAN) का औपचारिक शुभारंभ किया। यह नेटवर्क आतंकवाद के शिकार व्यक्तियों, उनके परिवारों और समुदायों को एकजुट करने, उनके अधिकारों की रक्षा करने तथा उनके अनुभवों को नीति-निर्माण में शामिल करने के उद्देश्य से बनाया गया है।
VoTAN के गठन की घोषणा संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान की गई, जिसमें विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों, मानवाधिकार संगठनों, आतंकवाद पीड़ितों और नागरिक समाज के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
आतंकवाद पीड़ितों की पीड़ा को मिलेगी अंतरराष्ट्रीय मान्यता

संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद निरोधक कार्यालय (UNOCT – United Nations Office of Counter-Terrorism) द्वारा संचालित यह नेटवर्क उन प्रयासों का हिस्सा है जिनके तहत आतंकवाद से प्रभावित लोगों को global policy discussions में सक्रिय भागीदारी दिलाई जा सके। UNOCT के प्रमुख व्लादिमीर वोरोनकोव ने अपने संबोधन में कहा,
“आतंकवाद पीड़ितों को केवल सांत्वना नहीं, बल्कि न्याय और आवाज़ की भी ज़रूरत है। VoTAN इस दिशा में एक निर्णायक कदम है।”
कार्यक्रम में बताया गया कि यह नेटवर्क न केवल advocacy और awareness building का कार्य करेगा, बल्कि पीड़ितों की कानूनी सहायता, मानसिक स्वास्थ्य समर्थन, और पुनर्वास कार्यक्रमों में भी सहयोग करेगा।
भारत सहित कई देशों ने VoTAN का किया स्वागत
भारत की ओर से संयुक्त राष्ट्र में उप स्थायी प्रतिनिधि योजना पटेल ने इस पहल का समर्थन करते हुए कहा कि आतंकवाद से जूझने वाले देशों के लिए यह नेटवर्क solidarity and support का एक अहम माध्यम बनेगा। उन्होंने आतंकवाद के पीड़ितों की भूमिका को नीति-निर्माण में महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि “यह ज़रूरी है कि पीड़ितों की वास्तविक कहानियां वैश्विक विमर्श का हिस्सा बनें।”
पटेल ने यह भी उल्लेख किया कि भारत में आतंकवाद का दंश दशकों से झेला जा रहा है, और पीड़ितों की अनकही पीड़ाओं को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान मिलना एक सकारात्मक संकेत है।

VoTAN की मुख्य विशेषताएं
- पीड़ितों के लिए safe communication channels की स्थापना
- अनुभव साझा करने के लिए अंतरराष्ट्रीय community of survivors का निर्माण
- नीति निर्माताओं और सरकारों के साथ direct engagement
- Capacity building कार्यक्रमों के माध्यम से पीड़ितों को सशक्त बनाना
- Data collection और research collaboration के माध्यम से साक्ष्य-आधारित समाधान को बढ़ावा देना
भविष्य की दिशा: मानवाधिकार और न्याय
VoTAN के शुभारंभ के साथ संयुक्त राष्ट्र ने यह स्पष्ट किया है कि आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई केवल सुरक्षा और सैन्य कार्रवाई तक सीमित नहीं रह सकती। इसमें मानवीय दृष्टिकोण, human rights protection, और न्याय आधारित दृष्टि को भी शामिल किया जाना अनिवार्य है।
इस पहल को वैश्विक मानवाधिकार समूहों और सुरक्षा विश्लेषकों ने एक सकारात्मक कदम बताया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह नेटवर्क आने वाले वर्षों में नीतियों और कार्यक्रमों में एक नया दृष्टिकोण स्थापित कर सकता है, जहां आतंकवाद से प्रभावित लोगों को केवल पीड़ित नहीं, बल्कि agents of change के रूप में देखा जाएगा।
VoTAN जैसे नेटवर्क क्या वाकई आतंकवाद पीड़ितों के जीवन में बदलाव ला सकेंगे?
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