नई दिल्ली, 19 नवंबर 2024
DIPAM Guidelines on Dividend: केंद्र सरकार ने अपने स्वामित्व वाले सार्वजनिक उद्यमों को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने सार्वजनिक उद्यमों के लिए संशोधित दिशानिर्देश जारी किए हैं। अब इन उद्यमों को अपने शुद्ध लाभ का कम से कम 30% या कुल मूल्य का 4% वार्षिक लाभांश के रूप में देना अनिवार्य होगा।
संशोधित दिशानिर्देशों का प्रभाव
Dividend Rules for Government Companies: इन संशोधित दिशानिर्देशों में यह भी प्रावधान किया गया है कि केंद्रीय सार्वजनिक उद्यम अपने शेयर वापस खरीद सकते हैं। हालांकि, इसके लिए कुछ शर्तें लागू होंगी:
- बाज़ार मूल्य में निरंतर कमी:
उद्यमों का बाजार मूल्य लगातार 6 महीने तक उनके बही मूल्य से कम होना चाहिए। - शुद्ध संपत्ति और नकदी की न्यूनतम सीमा:
संबंधित कंपनी की शुद्ध संपत्ति कम से कम 3,000 करोड़ रुपये होनी चाहिए। इसके अलावा, कंपनी के पास नकदी और बैंक जमाराशि 1,500 करोड़ रुपये से अधिक होनी चाहिए।
बोनस शेयर और शेयर विभाजन का विकल्प
Share Split and Bonus Share Rules: सरकार ने केंद्रीय उद्यमों को बोनस शेयर जारी करने की अनुमति भी दी है। यह तभी संभव होगा जब उनके पास रिज़र्व और अतिरिक्त राशि, पेड-अप शेयर पूंजी से 20 गुना अधिक हो।
इसके अलावा, कंपनियां अपने शेयरों का विभाजन भी कर सकती हैं, बशर्ते:
- उनका बाजार मूल्य वास्तविक मूल्य से 150 गुना अधिक हो।
- शेयर विभाजन के लिए कम से कम तीन वर्षों का अंतराल हो।
सहायक कंपनियों पर भी लागू होंगे दिशानिर्देश
नए दिशानिर्देश उन सहायक कंपनियों पर भी लागू होंगे, जिनमें धारक कंपनी की हिस्सेदारी 51% या उससे अधिक है।
किस पर नहीं होंगे लागू ये दिशानिर्देश
यह ध्यान देने योग्य है कि संशोधित दिशानिर्देश सरकारी बैंकों, सरकारी बीमा कंपनियों और अन्य निकाय कॉरपोरेट्स पर लागू नहीं होंगे।
केंद्रीय उद्यमों के लिए आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम
इस कदम से सरकार का उद्देश्य सार्वजनिक उद्यमों को अधिक आर्थिक अनुशासन और पारदर्शिता के तहत काम करने के लिए प्रेरित करना है। इससे कंपनियों की कार्यक्षमता बढ़ेगी और सरकार के राजस्व में भी इज़ाफा होगा।
दीपम द्वारा जारी किए गए संशोधित दिशानिर्देशों का केंद्रीय उद्यमों पर क्या असर होगा, यह देखना दिलचस्प होगा। इससे न केवल शेयर बाजार को सकारात्मक दिशा मिलेगी, बल्कि निवेशकों का भरोसा भी बढ़ेगा।