आम मत | नई दिल्ली
अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर और जर्मन पार्टनर कंपनी BioNTech SE का दावा है कि कोरोना वैक्सीन तीसरे चरण के ट्रायल में 90 फीसदी प्रभावी है। कोरोना काल में यह दो कंपनियां पहली ऐसी कंपनी हैं, जिन्होंने वैक्सीन के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल और सफल परिणाम का आंकड़ा पेश किया है। कंपनियों का कहना है कि उनकी वैक्सीन उन लोगों के इलाज में भी सफल हुई है जिनमें कोरोना के लक्षण पहले से दिखाई नहीं दे रहे थे। वहीं, इस वैक्सीन की सफलता को लेकर हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव जीतने वाले जो बाइडन और ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने स्वागत किया है और कोरोना वैक्सीन के सफल परीक्षण को लेकर अपनी खुशी जाहिर की है।
आज का दिन मानवता-विज्ञान के लिए महत्त्वपूर्णः डॉ. बौरला
फाइजर के चेयरमैन और सीईओ डॉ. अल्बर्ट बौरला ने इसे लेकर कहा, ‘आज का दिन मानवता और विज्ञान के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है। हमारी कोरोना वैक्सीन के तीसरे फेज के ट्रायल में सामने आए परिणामों का पहला समूह हमारी वैक्सीन की कोरोना को रोकने की क्षमता को लेकर प्रारंभिक सुबूत दर्शाता है।’
डॉ. अल्बर्ट ने कहा कि वैक्सीन डेवलपमेंट प्रोग्राम में यह सफलता ऐसे समय में मिली है जब पूरी दुनिया को इस वैक्सीन की जरूरत है और संक्रमण की दर नए रिकॉर्ड बना रही है। उन्होंने कहा कि संक्रमण की स्थिति ऐसी है कि अस्पतालों में क्षमता से ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं और अर्थव्यवस्था नीचे जा रही है।
43 हजार से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए थे स्टडी में
वैक्सीन के इस्तेमाल के बार जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक कोरोना के बिना लक्षण वाले मरीजों को दी गई यह वैक्सीन कोरोना को रोकने में 90 फीसदी से ज्यादा प्रभावी नजर आई। इस ट्रायल में कोरोना के 94 मामलों की पुष्टि की गई।
इस स्टडी में 43,538 प्रतिभागी शामिल थे, जिनमें से 42 प्रतिशत ऐसे लोग थे, जिन्होंने कोरोना के लिहाज से ज्यादा ऐहतियात नहीं बरती थी। इस संबंध में और आंकड़े जुटाए जाने बाकी हैं। 164 संक्रमितों पर क्लिनिकल ट्रायल किया जाना बाकी है, जिससे कि अन्य मानकों पर भी वैक्सीन के प्रभाव का आकलन किया जा सके।