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मुंबईः अर्नब गोस्वामी गिरफ्तार, मां-बेटे को सुसाइड के लिए उकसाने का है मामला

आम मत | मुंबई

मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। अर्नब पर दो साल पहले यानी वर्ष 2018 में एक महिला और उसके बेटे को खुदकुशी करने के लिए उकसाने का आरोप है। वहीं, अर्नब ने पुलिस पर मारपीट करने का आरोप लगाते हुए घर के लाइव फुटेज दिखाए। इस फुटेज में अर्नब और पुलिस में झड़प हो रही है। गिरफ्तारी के 12 घंटे में ही दूसरा केस दर्ज कर लिया।

अर्नब पर एक महिला पुलिसकर्मी से मारपीट का आरोप लगा है। अर्नब को रायगढ़ डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में पेश किया गया। अर्नब ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनसे मारपीट की। इसके बाद कोर्ट ने फिर से उनका मेडिकल करवाने का आदेश दिया। दूसरा मेडिकल होने के बाद अलीबाग थाना पुलिस अर्नब को फिर से रायगढ़ जिला अदालत में पेशी के लिए ले गई।

ये है मामला

वर्ष 2018 में इंटीरियर डिजायनर अन्वय नाइक और उसकी मां ने सुसाइड कर लिया था। मामले की जांच सीआईडी कर रही है। अन्वय की पत्नी अक्षता ने इस वर्ष रिपब्लिक टीवी पर आरोप लगाए थे। अक्षता ने कहा कि उनके पति ने रिपब्लिक टीवी के स्टूडियो का काम किया था। इसके लिए 500 मजदूर लगाए गए थे। इस काम के लिए रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी ने 5.40 करोड़ का भुगतान नहीं किया।

आर्थिक तंगी से परेशान होकर उनके पति ने मां के साथ खुदकुशी कर ली। अन्वय ने कथित तौर पर सुसाइड नोट भी छोड़ा था, जिसमें अर्नब गोस्वामी के अलावा दो अन्य लोगों का भी नाम लिखा था।

मई में मृतक की बेटी की शिकायत पर फिर शुरू हुई जांच

मृतक अन्वय की बेटी अदन्या नाइक की नई शिकायत पर महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने मामले की फिर से जांच के आदेश दिए थे। देशमुख ने बताया था कि अदन्या ने आरोप लगाया है कि अलीबाग पुलिस ने गोस्वामी के चैनल द्वारा बकाया भुगतान ना करने के मामले में जांच नहीं की। उसका दावा है कि इस कारण ही उसके पिता और दादी ने मई 2018 में आत्महत्या कर ली थी।

अर्नब की गिरफ्तारी की पत्रकार संगठनों ने की निंदा

अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी की पत्रकार संगठनों और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर समेत कई नेताओं ने निंदा की है। जावड़ेकर ने कहा कि यह महाराष्ट्र में “प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला है।” इससे “आपातकाल के दिनों” की याद आती है।

वहीं न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) ने कहा कि यद्यपि वह गोस्वामी की ‘‘पत्रकारिता शैली’’ से सहमत नहीं है, लेकिन यदि अधिकारियों ने मीडिया संपादक के खिलाफ कोई ‘‘बदले की कार्रवाई’’ की है तो संगठन इसकी निन्दा करता है।

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