आम मत | नई दिल्ली
देश के 8 राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हैं। कई सारे राज्य हैं जहां पांच समुदायों की बहुतायत है। उन्हें वहां अल्ससंख्यक माना जाता है। इन्हीं मुद्दों पर विभिन्न हाईकोर्ट में लंबित याचिकाओं की शीर्ष कोर्ट में स्थानांतरण की अपील की गई। केंद्र की 26 साल पुरानी अधिसूचना की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई, जिसके तहत 5 समुदायों- मुसलमान, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी को अल्पसंख्यक घोषित किया गया।
भाजपा नेता और अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर याचिका में दिल्ली, मेघालय और गौहाटी हाई कोर्ट में लंबित उन मामलों के स्थानांतरण का अनुरोध किया गया, जिनमें राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम,1992 की धारा 2(सी) की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है, जिसके तहत 23 अक्टूबर, 1993 को अधिसूचना जारी की गई थी।
याचिका में कहा गया कि हिंदू समुदाय उन राज्यों में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को मिलने वाले फायदों से वंचित है और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को इस संदर्भ में अल्पसंख्यकों की परिभाषा पर फिर से विचार करना चाहिए।