– डॉ. भीमराव अंबेडकर विधि विश्वविद्यालय का मामला
– पहली बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट में 5 लग्जरी कारें और एक बस खरीदने की मंजूरी, सरकारी अधिकारी बने मूर्ति
आम मत | हरीश गुप्ता
जयपुर। डॉ. भीमराव अंबेडकर विधि विश्वविद्यालय प्रदेश के ऐसे विश्वविद्यालयों में से एक है, जहां नित नए कीर्तिमान बनते हैं। एक तरफ कोरोना काल में सरकार का खजाना खाली है, वहीं विवि सरकारी पैसा लुटाने में लगा हुआ है। पहली बाॅम में 5 लग्जरी कारें और एक बस खरीदने को मंजूरी मिल गई।
सूत्रों की मानें तो अंबेडकर विधि विवि की पहली बाॅम (बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट) में चार सियाज गाड़ी, एक इनोवा और एक बड़ी बस (52 सीटर) खरीदने का प्रस्ताव आया। बाॅम ने उसे मंजूर कर दिया। बाॅम में मौजूद सरकारी अधिकारी एक शब्द भी नहीं बोल पाए और ‘बापू के बंदर’ बन गए। शायद उन्होंने मास्क नहीं लगा रखा होगा। इसलिए डर लगा होगा कि मुंह खोलते ही कोरोना वायरस भीतर प्रवेश कर जाएगा। स्वास्थ्य की चिंता तो सभी को रखनी चाहिए।
सूत्रों ने बताया कि वर्तमान में विवि में फैकल्टी नहीं है, छात्र नहीं है। देखा जाए तो वीसी और कुछ प्रमुख लोगों के अलावा कुछ भी नहीं है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है इस कोरोना काल में जब सरकारी खजाने की स्थिति किसी से छिपी नहीं है, क्या जरूरत है? कर्मचारियों के वेतन के लाले पड़ रहे हैं, गाड़ी-घोड़ों की क्या जरूरत? सरकारी पैसा पब्लिक का पैसा है …बारात लेकर नहीं जानी।