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समय बताएगा राजे का ऊंट किस करवट बैठेगा

केंद्र की राजनीति या फिर से राज्य की सत्ता

Rajasthan Politics: राजस्थान में मंगलवार को मुख्यमंत्री के नाम पर छाए सस्पेंस के बादल छंट गए। सांगानेर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक भजनलाल शर्मा (Rajasthan New CM – Bhajan Lal Sharma) को विधायक दल का नेता चुना गया। उनके साथ दो उप मुख्यमंत्रियों के नाम पर भी मुहर लगी। इनमें विद्याधर नगर से विधायक दिया कुमारी और दूदू विधायक प्रेम चंद बैरवा शामिल हैं। वहीं, वरिष्ठ नेता और अजमेर उत्तर से विधायक वासुदेव देवनानी को विधानसभा अध्यक्ष बनाने पर मुहर लगी है।

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बाएं से दाएं- दीया कुमारी, भजन लाल शर्मा और प्रेम चंद बैरवा

Rajasthan Election 2023: हालांकि, ३ दिसंबर को आए चुनाव परिणाम के बाद से ही अलग-अलग नामों के कयास लगाए जा रहे थे। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, ओम माथुर, ओम बिरला, सीपी जोशी जैसे नाम आगे आ रहे थे। चुनाव परिणामों के बाद से ही टीवी और अखबार वाले इन नामों के ही इर्द-गिर्द घूम रहे थे। कुछ ने एक-दो अन्य नाम भी इस लिस्ट में शामिल कर लिए थे, जिनमें तिजारा से विधायक बाबा बालकनाथ का नाम प्रमुख था।

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे हाथ में विधायकों की लिस्ट लिए जब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के दिल्ली स्थित आवास से बाहर निकलती दिखाई दीं तो टीवी चैनलों ने कयासों की कल्पनाएं सातवें आसमान पर पहुंचा दी। कहा जाने लगा कि राजे ने नड्डा को अपने पक्ष के विधायकों की लिस्ट दिखाई है। इसके बाद बातें थड़ी-चौपालों पर लगने लगीं और सरकार के अगले पांच साल कैसे काम करेगी, इस पर चिंतन मनन इन जगहों पर होना शुरू हो गया।

सभी दिमागों के घोड़ों को तब झटका लगा, जब मंगलवार को अकल्पनीय नाम की मुख्यमंत्री के तौर पर घोषणा की गई। समर्थकों में तो खुशी की लहर चल पड़ी और आम लोग ठीक उसी तरह चौंक गए, जैसे छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के सीएम नामों के समय हुए थे। हालांकि, कुछ लोग इस मामले में तटस्थ भी थे, क्योंकि दो बार चौंक कर उन्हें समझ आ गया था कि इस बार भी कुछ ऐसा ही होगा और हुआ भी वैसा ही।

इससे पहले, भजनलाल शर्मा का नाम घोषित किए जाने के बारे में कहा जा रहा है कि उनके नाम का प्रस्ताव खुद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने रखा था। इसमें कितना सच और कितना झूठ है ये मुद्दा नहीं है।

Rajasthan New CM Politics: अगर सच है तो प्रश्न ये है कि

  • क्या संघ और केंद्रीय नेतृत्व राजे को बैक डोर से सत्ता चलाने की छूट दे रहा है?
  • क्या राजस्थान और आगामी आम चुनाव को लेकर मोदी-शाह की जोड़ी कलह से बचने के लिए ऐसा कर रही है?
  • क्या ऐसा करके संघ और भाजपा केंद्र और राजस्थान दोनों जगह राजे को चाहती है?

ऐसे कई प्रश्न अब लोगों के जहन में उठने शुरू होंगे। वहीं, अगर ये दावा झूठा है तो तब भी कई सवालों को जन्म देता है।

Rajasthan New CM Politics: सबसे पहला प्रश्न तो यह है कि

  • अब राजे का अगला कदम क्या होगा?
  • क्या राजे पार्टी को साइड लाइन करके खुद को सर्वेसर्वा जताने की कोशिश करेंगी?
  • क्या अब राजे राज्य की नहीं सिर्फ केंद्र की राजनीति में ही रूचि लेंगी?
  • क्या मोदी-शाह ने राजे को राजस्थान की सत्ता से उनकी विदाई की झलक दिखलाई है?

प्रश्न बहुत हैं, जिनका जवाब सिर्फ वक्त के पास है। राजे के आगे केंद्रीय नेतृत्व झुकता है या राजे समय की मांग को समझते हुए केंद्र में राजनीति करना ही उचित समझेंगी। राजे का ऊंट अब किस करवट बैठेगा ये समय ही बताएगा।


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