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किसानों का इरादा साफ; जब तक कृषि कानून नहीं होंगे वापस तब तक खत्म नहीं होगा आंदोलन

आम मत | नई दिल्ली

कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के प्रदर्शन का गुरुवार को 15वां दिन है। सरकार और किसानों की 6 राउंड बातचीत के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला है। किसान अब आंदोलन तेज करने के मूड में हैं। इसी कड़ी में भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार का इंटरेस्ट सिर्फ विरोध खत्म करवाने में है। आंदोलन तब तक खत्म नहीं होगा, जब तक तीनों कानूनों वापस नहीं होंगे। टिकैत ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अलग से बिल लाने की मांग भी की।

वहीं, किसान देशभर में हाईवे जाम करने की तैयारी कर रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के नेता मंजीत सिंह ने कहा कि सरकार हमारे आंदोलन को कमजोर करना चाहती है। इसमें शामिल होने के लिए बहुत सारे किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं। हम दिल्ली के लोगों से भी सपोर्ट की अपील कर रहे हैं।

किसान आंदोलन के पीछे चीन-पाकिस्तान का हाथः केंद्रीय मंत्री

केंद्रीय खाद्य आपूर्ति राज्य मंत्री रावसाहेब दानवे ने का कहना है कि किसानों के आंदोलन में पाकिस्तान और चीन का हाथ है। दानवे ने कहा कि पहले सीएए और एनआरसी को लेकर मुसलमानों को भड़काया गया। ये कोशिशें नाकाम रही तो, अब किसानों को उकसाया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री ने यह बात औरंगाबाद में हेल्थ सेंटर के इनॉगरेशन प्रोग्राम में कही।

केंद्रीय मंत्री के बयान पर ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव हन्नान मोला ने जवाब दिया। उनका कहना है कि यह देश के किसानों की बेइज्जती है। किसान अपने हितों के लिए लड़ रहे हैं, उन्हें दूसरी ताकतें परेशान नहीं कर सकतीं।

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