सरकारी नीतियाँ

डिजिटल कृषि मिशन: भारतीय कृषि को डिजिटल क्रांति की ओर ले जाने वाली पहल

Digital Agriculture Mission: परिचय

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Digital Agriculture Mission: भारत सरकार ने 2 सितंबर 2024 को डिजिटल कृषि मिशन (डीएएम) को मंजूरी दी, जिसके तहत 2817 करोड़ रुपए की व्यापक योजना बनाई गई है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 54.972 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई है।

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डिजिटल कृषि मिशन का मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र का डिजिटल रूपांतरण करना है ताकि किसानों को नवीनतम तकनीकों, सटीक जानकारी और उन्नत डिजिटल सेवाओं तक पहुंच मिले। सरकार द्वारा इस योजना के तहत कृषि के डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की जा रही हैं, जिससे किसानों को अपनी पैदावार बढ़ाने और खेती में नवाचार को अपनाने में सहायता मिले।

डिजिटल कृषि मिशन के प्रमुख घटक

इस मिशन के तहत डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित किया जाएगा, जिसमें निम्नलिखित महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया गया है:

1. एग्रीस्टैक (AgriStack):

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यह एक एकीकृत कृषि डेटाबेस होगा, जिसमें तीन प्रमुख घटक शामिल होंगे:

  • किसान रजिस्टर: किसानों की पहचान, उनके भूमि रिकॉर्ड और उनकी कृषि गतिविधियों की पूरी जानकारी होगी।
  • भौगोलिक रूप से संदर्भित गांव मानचित्र (Geo-referenced Village Maps): यह डेटा ग्रामीण क्षेत्रों की भौगोलिक जानकारी प्रदान करेगा, जिससे भूमि उपयोग को बेहतर बनाया जा सके।
  • फसल बोआई रजिस्टर (Crop Sown Registry): इसमें यह डेटा होगा कि किस किसान ने कौन सी फसल, कब और कितनी मात्रा में बोई है।

2. कृषि निर्णय समर्थन प्रणाली (Krishi Decision Support System):

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यह प्रणाली किसानों को उनके खेतों की उर्वरकता, सिंचाई, और कृषि इनपुट पर वास्तविक समय में वैज्ञानिक सलाह देने में सहायता करेगी।

3. व्यापक मृदा उर्वरता और प्रोफाइल मैपिंग (Comprehensive Soil Fertility & Profile Mapping):

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इस तकनीक के माध्यम से देशभर में विभिन्न क्षेत्रों की मिट्टी की उर्वरकता और गुणों का डेटाबेस तैयार किया जाएगा। यह किसानों को उन्नत खेती के लिए सर्वोत्तम रणनीति अपनाने में सहायता करेगा।

4. ई-नाम (e-NAM) प्लेटफॉर्म का विस्तार:

सरकार राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM) को और अधिक विकसित कर रही है, जिससे किसान अपनी उपज को ऑनलाइन बेचकर अधिक लाभ कमा सकें। 31 दिसंबर 2024 तक 23 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों की 1410 मंडियों को e-NAM से जोड़ा जा चुका है। यह पारदर्शी मूल्य निर्धारण और किसानों की आय वृद्धि में सहायक होगा।

डिजिटल कृषि मिशन के लाभ

  • किसानों को त्वरित और सटीक जानकारी मिलेगी, जिससे वे बेहतर कृषि निर्णय ले सकेंगे।
  • डिजिटल भुगतान और वित्तीय सेवाओं तक किसानों की पहुंच बढ़ेगी, जिससे उन्हें ऋण, बीमा, और सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा।
  • कृषि व्यापार में पारदर्शिता आएगी और बिचौलियों की भूमिका कम होगी।
  • कृषि डेटा के विश्लेषण से सरकार और नीति-निर्माता अधिक प्रभावी योजनाएँ बना सकेंगे।
  • कृषि क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे, खासकर एग्रीटेक स्टार्टअप्स के लिए।

चुनौतियाँ और समाधान

हालाँकि, डिजिटल कृषि मिशन के कार्यान्वयन में कुछ प्रमुख चुनौतियाँ भी हैं:

  • तकनीकी अवसंरचना की कमी: सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट और डिजिटल सेवाओं की उपलब्धता सीमित है। सरकार 5G और ग्रामीण ब्रॉडबैंड योजनाओं के जरिए इस समस्या को दूर करने का प्रयास कर रही है।
  • किसानों में डिजिटल साक्षरता की कमी: सरकार डिजिटल साक्षरता अभियान चलाकर किसानों को डिजिटल टूल्स का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित कर रही है।
  • डेटा गोपनीयता और साइबर सुरक्षा: किसानों की व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए साइबर सुरक्षा उपायों को मजबूत किया जा रहा है।

अगले कदम और सरकार की योजना

भारत सरकार इस योजना को चरणबद्ध तरीके से लागू कर रही है। सरकार की रणनीति है कि:

  • 2025 तक देश के हर किसान को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाए।
  • सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कृषि डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित किया जाए।
  • अधिक निजी कंपनियों और स्टार्टअप्स को डिजिटल कृषि सेवाओं में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।

निष्कर्ष

डिजिटल कृषि मिशन भारत के कृषि क्षेत्र को आधुनिक और डिजिटल रूप में परिवर्तित करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। यह योजना न केवल किसानों को डिजिटल सेवाओं से जोड़ने में मदद करेगी, बल्कि भारत के कृषि क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में भी सहायक होगी। हालांकि, इसके क्रियान्वयन में कुछ चुनौतियाँ हैं, लेकिन सरकार इसके समाधान के लिए लगातार प्रयास कर रही है।

FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1: डिजिटल कृषि मिशन का मुख्य उद्देश्य क्या है? A1: इस मिशन का उद्देश्य कृषि क्षेत्र का डिजिटलीकरण करना और किसानों को उन्नत डिजिटल सेवाओं से जोड़ना है।

Q2: एग्रीस्टैक क्या है और यह किसानों के लिए कैसे फायदेमंद है? A2: एग्रीस्टैक एक डिजिटल कृषि डेटाबेस है, जिसमें किसान रजिस्टर, भौगोलिक मानचित्र और फसल बोआई रजिस्टर जैसी सूचनाएँ शामिल हैं। यह किसानों को सरकारी योजनाओं और वित्तीय सेवाओं तक आसान पहुंच प्रदान करेगा।

Q3: ई-नाम प्लेटफॉर्म क्या है और इसका क्या लाभ है? A3: ई-नाम एक ऑनलाइन कृषि बाजार है, जहाँ किसान अपनी उपज को सीधे बेच सकते हैं और बेहतर मूल्य प्राप्त कर सकते हैं

Q4: सरकार इस मिशन को प्रभावी बनाने के लिए क्या कदम उठा रही है? A4: सरकार डिजिटल अवसंरचना का विस्तार, किसानों की डिजिटल साक्षरता बढ़ाने और डेटा सुरक्षा को मजबूत करने पर ध्यान दे रही है।

Q5: क्या यह मिशन छोटे किसानों के लिए भी लाभकारी होगा? A5: हाँ, यह मिशन छोटे और सीमांत किसानों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है, क्योंकि यह उन्हें सरकारी योजनाओं, डिजिटल भुगतान, और कृषि बाजार तक आसान पहुंच प्रदान करता है।


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