आम मत | नैनीताल
उत्तराखंड के जोशीमठ एवं कर्णप्रयाग (Joshimath High Court) में आपदा के चलते घरों में आई दरारों, पीड़ितों को न्याय नहीं उचित मुआवजा के साथ ही सीवर लाइन को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने केन्द्र व राज्य सरकार को नोटिस जारी कर छह सप्ताह में जवाब देने को कहा है।
Joshimath High Court Petition 2023
दिल्ली निवासी अजय गौतम की ओर से दायर जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि आपदा (Joshimath Crisis) के चलते जोशीमठ में 600 जबकि कर्प्रणयाग में 50 से ज्यादा घरों में दरारे आ चुकी हैं। कुछ पीड़ित परिवार पीपलकोटी या अन्य स्थानों में शिफ्ट किए गए हैं। उन्हें न तो उचित सुविधा मुहैया कराई जा रही है और न ही अभी तक उचित मुआवजा दिया गया है। उनके गोवंश व अन्य पशु बेसहारा हो गए हैं।
याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि जोशीमठ की आबादी लगभग 15000 से 20000 है और यात्रा सीजन में यह संख्या 100000 पहुंच जाती है। इसके बावजूद शहर में कोई भी सीवर सिस्टम मौजूद नहीं है जिसके चलते लोग गंदगी को गड्ढों में डाल रहे हैं। याचिकाकर्ता की ओर से जोशीमठ एवं कर्णप्रयाग की सुरक्षा के लिए अदालत से एक विशेषज्ञ कमेटी गठित करने की मांग की गई है।
Joshimath News: Crisis Joshimath High Court issue
याचिकाकर्ता की ओर मांग की है कि कमेटी दोनों शहरों को बचाने के लिए उपाय सुझाए। खंडपीठ में राज्य एवंछं केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर छह सप्ताह में जवाब में जवाब देने को कहा है। अदालत ने इस मामले की सुनवाई के लिए दो अगस्त की तिथि निर्धारित की है।
नवीनतम जानकारी और ख़बरों के लिये पढ़ते रहिए हिंदी दैनिक समाचार पत्र आम मत (AAMMAT.In)