पहली तिमाही के GDP के आंकड़े
आम मत | नई दिल्ली
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (National Statistical Office) ने सोमवार को वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए जीडीपी (GDP) यानी आर्थिक विकास दर के आंकड़े पेश किए। पहली तिमाही में जीडीपी -23.9 प्रतिशत रही। इसकी वजह कोरोना और उसे रोकने के लिए लगाए ‘लॉकडाउन’ के चलते औद्योगिक उत्पादन गिरा है। देश में सकल घरेलू उत्पाद में बेतहाशा कमी आई है और रोजगार के आंकड़ों में भी बड़ी गिरावट है।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘2020-21 की पहली तिमाही में जीडीपी (GDP) 26.9 लाख करोड़ रुपए अनुमानित है जोकि 2019-20 की पहली तिमाही में 35.35 लाख करोड़ रुपए थी। इसमें 23.9 फीसदी की गिरावट देखी जा सकती है।’ सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के प्रयास कर रही है लेकिन कोरोना महामारी के चलते अभी भी अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है।
उल्लेखनीय है कि इस तिमाही में दो महीने यानी अप्रैल और मई में लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था पूरी तरह ठप रही है और जून में भी इसमें थोड़ी ही रफ्तार मिल पाई। इस वजह से रेटिंग एजेंसियों और इकोनॉमिस्ट ने इस बात की आशंका जाहिर की है कि जून तिमाही के जीडीपी (GDP) में 16 से 25 फीसदी की गिरावट आ सकती है।
मैन्युफैक्चरिंग, निर्माण, होटल आदि सेक्टरों के कारोबार पर बुरा असर
औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों, केंद्र और राज्य सरकारों के व्यय आंकड़ों, कृषि पैदावार और ट्रांसपोर्ट, बैंकिंग, बीमा आदि कारोबार के प्रदर्शन के आंकड़ों को देखते हुए यह आशंका जाहिर की जा रही है। जानकारों का कहना है कि मैन्युफैक्चरिंग, निर्माण, व्यापार, होटल, ट्रांसपोर्ट, संचार आदि सेक्टर देश की जीडीपी में करीब 45 फीसदी का योगदान रखते हैं और पहली तिमाही में इन सभी सेक्टर के कारोबार पर काफी बुरा असर पड़ा है।
ICRA ने जीडीपी में गिरावट का 25% गिरावट का लगाया था अनुमान
रेटिंग एजेंसी इकरा ICRA ने जीडीपी में 25 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया था। इसी तरह इंडिया रेटिंग्स ने जीडीपी में करीब 17 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया था। भारतीय स्टेट बैंक के ग्रुप इकोनॉमिक एडवाइजर सौम्य कांति घोष ने जीडीपी में 16.5 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया था।