नई दिल्ली | आम मत
देश में खुदरा और थोक महंगाई में भले ही गिरावट देखने को मिली हो, लेकिन आमजन को इसका फायदा नहीं होगा, क्योंकि केंद्रीय बैंक ने एक बार फिर से रेपो रेट बढ़ा दी है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को रेपो रेट में 0.25 फीसदी की वृद्धि की है। रेपो रेट अब 6.50 प्रतिशत हो गई है। यानी, होम, ऑटो और पर्सनल लोन महंगे हो जाएंगे और लोन की ईएमआई भी बढ़ जाएगी। लगातार 6 बार में नीतिगत ब्याज दर 2.5 प्रतिशत बढ़ चुकी है।
हालांकि, कर्ज लेने वालों के लिए थोड़ी राहत के संकेत भी हैं। किसी महीने में ईएमआइ नहीं चुकाने पर बैंक या गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां मनमानी शुल्क (पेनाल्टी) नहीं वसूल पाएंगी। रिजर्व बैंक पेनाल्टी की सीमा तय करेगा। सोमवार से शुरू मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने इन उपायों की घोषणा की। समिति के छह में से चार सदस्यों ने रेपो रेट बढ़ाने का समर्थन किया। मार्जिनल स्टेंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) दर 0.25 प्रतिशत बढ़ा कर 6.75 प्रतिशत तय की गई है।
आरबीआइ गवर्नर ने अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर अच्छे संकेत दिए। उन्होंने कहा कि चालू वित्तीय साल (2022-23) में पूर्वानुमान 6.8 फीसद के मुकाबले सकल उत्पाद विकास (जीडीपी) दर 7 प्रतिशत रहेगी। अगले साल (2023-24) में जीडीपी 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। आरबीआइ को उम्मीद है कि चालू साल में खुदरा महंगाई 6.5 प्रतिशत जबकि अगले साल 5.3 प्रतिशत रहेगी। अर्थशास्त्रियों और बाजार विश्लेषकों ने रिजर्व बैंक के कदम को उम्मीद के मुताबिक बताया है। संसद में अगले साल का बजट पेश होने के बाद एमपीसी की यह पहली जबकि चालू वित्तीय साल की आखिरी बैठक थी।
वैश्विक स्तर पर सुधार
आरबीआइ गवर्नर ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत हैं। हालांकि कीमतों में उतार-चढ़ाव का जोखिम कायम है। आयात लागत बढऩे के कारण जिंसें महंगी हैं। खुदरा महंगाई को 4 प्रतिशत के आसपास रखने का लक्ष्य है, लेकिन मौजूदा हालात में यह संभव नहीं लगता। अगले साल भी महंगाई वांछित स्तर से ऊपर ही बनी रहेगी।
उम्मीद के मुताबिक
बैंकों व विश्लेषकों ने रेपो रेट में वृद्धि को उम्मीद के मुताबिक बताया है। फंड्स इंडिया के वीपी अरुण कुमार ने कहा कि दुनिया भर के केंद्रीय बैंक सख्त मौद्रिक उपाय कर रहे हैं। अमरीकी फेडरल बैंक ने नरमी के संकेत दिए हैं। वहां ब्याज दर में बढ़ोतरी थमने व कटौती होने पर भारत में भी राहत मिल सकती है। अगले साल महंगाई 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसके मुकाबले रेपो रेट 6.5 प्रतिशत पर है। सब कुछ ठीक रहा व प्रमुख बैंकों ने नरमी दिखाई तो अगले साल महंगे कर्ज से राहत मिल सकती है।
घर खरीदना होगा महंगा
रेपो रेट में वृद्धि से घर-मकान खरीदना महंगा होगा। प्रॉपर्टी सलाहकार एनारॉक ग्रुप के अध्यक्ष अनुज पुरी ने कहा कि होम लोन की ब्याज दर 9.5 प्रतिशत के स्तर को पार सकती है। ऐसे में किफायती व मध्यम रेंज के घरों की मांग कम हो सकती है। महंगे कर्ज को देखते हुए मिडल इनकम ग्रुप के लोग घर खरीद की योजना टाल सकते हैं। घरों की मांग घटने की आशंका आज शेयर बाजार में भी हावी रही। अधिकांश रीयल इस्टेट कंपनियों के शेयर घाटे में रहे।
…तो 4,657 रुपए बढ़ेगी ईएमआइ
रेपो रेट में बढ़ोतरी से लोन महंगे होते हैं। मान लिया किसी ने मई, 2022 में 6.7 प्रतिशत ब्याज पर 20 साल के लिए 30 लाख रुपए लोन लिया था। इसके लिए उसे हर महीने 22,722 रुपए ईएमआइ चुकानी होती थी। छह बार रेपो रेट 2.50 प्रतिशत बढ़ी है। इसी कर्ज पर ब्याज दर 9.2 प्रतिशत हो गई है। उस व्यक्ति को अब 27,379 रुपए ईएमआइ चुकानी होगी। मतलब यह कि पिछले साल मई के मुकाबले संबंधित व्यक्ति की ईएमआइ 4,657 रुपए बढ़ गई है।
रेपो दर में वृद्धि
वृद्धि (प्रतिशत) | रेपो दर (प्रतिशत) | |
8 फरवरी, 2023 | 0.25 | 6.50 |
7 दिसंबर,2022 | 0.35 | 6.25 |
30 सितंबर, 2022 | 0.50 | 5.90 |
5 अगस्त, 2022 | 0.50 | 5.40 |
8 जून, 2022 | 0.50 | 4.90 |
4 मई, 2022 | 0.40 | 4.40 |
9 अक्टूबर, 2020 | 4.00 |