आम मत | नई दिल्ली
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को डिजिटल मीडिया को मान्यता दे दी। साथ ही उनके नियमन की भी राह खोल दी। सरकार के इस कदम से अब न्यूज वेबसाइट भी सरकारी विज्ञापन ले सकेंगी। सरकार ने प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तर्ज पर डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म को खबरों में अनुशासन के लिए स्व-नियमन संस्था बनाने की अनुमति दे दी है। साथ ही डिजिटल न्यूज मीडिया में 26 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का तरीका स्पष्ट कर दिया है।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि गत वर्ष 18 सितंबर को केंद्र की ओर से डिजिटल मीडिया को 26 फीसदी एफडीआई की इजाजत दी गई थी। इसे ध्यान में रखकर डिजिटल प्लेटफार्मों को प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को मिलने वाली सुविधाएं देने का फैसला किया गया है। इसके तहत डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म भी सरकारी विज्ञापन ले सकेंगे। उनके कर्मचारियों को पीआईबी मान्यता मिलेगी।
न्यूज वेबसाइट के कर्मचारी भी प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के कर्मचारियों को मिलने वाली सरकारी सुविधाएं ले सकेंगे। मंत्रालय ने कहा कि प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तरह ही डिजिटल मीडिया भी स्व-नियमन संस्थान गठित कर पाएगा, ताकि भविष्य में सरकार के सामने उनका आधिकारिक पक्ष पेश किया जा सके।
केंद्र ने स्पष्ट की 26 फीसदी एफडीआई की नीति
केंद्र सरकार ने डिजिटल न्यूज मीडिया में एफडीआई की अपनी नीति को भी स्पष्ट कर दिया। उद्योग और आंतरिक व्यापार विकास विभाग के अनुसार, किसी भी डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म को अधिकतम 26 फीसदी एफडीआई लेने की ही अनुमति होगी। इन प्लेटफॉर्म की कंपनियों भारत में ही पंजीकृत होनी चाहिए।
वहीं, पहले से संचालित न्यूज एग्रीगेटर्स, डिजिटल मीडिया कंपनियों को जानकारी सप्लाई करने वाली न्यूज एजेंसियां और सभी तरह की खबरें या ताजा समाचार वेबसाइट पर अपलोड करने वाली कंपनियों को भी 26 फीसदी एफडीआई के दायरे का पालन करना होगा।
इन कंपनियों को अपने पास मौजूद एफडीआई को 26 फीसदी के स्तर पर लाकर एक साल के अंदर केंद्र सरकार से मंजूरी लेनी होगी। एफडीआई नियमों के पालन की जिम्मेदारी निवेश करने वाली कंपनी की होगी। इसके लिए कंपनी के बोर्ड में अधिकांश निदेशक और सीईओ भारतीय होना आवश्यक होगा।