आम मत | अयोध्या
5 अगस्त की तारीख भारतवासियों के लिए बहुत खास बन चुकी है। वर्ष 2019 में जहां जम्मू-कश्मीर से इसी तारीख को अनुच्छेद 370 को बेअसर किया गया था। वहीं, वर्ष 2020 में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का भूमिपूजन भी इसी तारीख पर किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमिपूजन कर नींव की पहली ईंट भी रखी। भूमिपूजन के बाद पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि उनका आना स्वाभाविक था, क्योंकि राम काज किन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम। उन्होंने कहा आज पूरा देश रोमांचित है, हर मन दीपमय है। करोड़ों लोगों को ये विश्वास नहीं हो रहा होगा कि वे अपने जीते जी इस पावन दिन को देख पा रहे हैं। सालों से टेंट के नीचे रह रहे हमारे रामलला के लिए एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा। टूटना और फिर उठ खड़ा होना, सदियों से चल रहे इस क्रम से राम जन्मभूमि आज मुक्त हुई है।
मोदी ने कहा कि आजादी की लड़ाई में कई पीढ़ियों ने अपना सबकुछ समर्पित कर दिया। देश का ऐसा कोई भूभाग नहीं था, जहां आजादी के लिए बलिदान नहीं दिया गया हो। 15 अगस्त का दिन उन लाखों बलिदानों का प्रतीक है। ठीक उसी तरह, राम मंदिर के लिए कई पीढ़ियों ने अखंड और अविरल एकनिष्ठ प्रयास किया। आज का दिन उसी तप, त्याग और संकल्प का प्रतीक है।
पीएम ने कहा राम मंदिर हमारी संस्कृति का आधुनिक प्रतीक बनेगा। हमारी शाश्वत आत्मा और राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बनेगा। मंदिर के बनने के बाद अयोध्या की भव्यता ही नहीं बढ़ेगी, इस क्षेत्र का पूरा अर्थतंत्र ही बदल जाएगा। हर क्षेत्र में नए अवसर बनेंगे, हर क्षेत्र में अवसर बढ़ेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद देशवासियों ने मर्यादा के साथ शांति बनाए रखी थी। भारत की आस्था, सामूहिकता और शक्ति पूरी दुनिया के लिए शोध का विषय है। मोदी ने कहा कि श्रीराम को तेज में सूर्य, क्षमा में पृथ्वी, बुद्धि में बृहस्पति और यश में इंद्र के समान माना गया है। सत्य पर अडिग रहने वाले श्रीराम हजारों वर्षों के बाद भी प्रकाश स्तंभ बने हुए हैं।
विश्व के कोने-कोने में मौजूद हैं राम
प्रधानमंत्री ने कहा कि राम दुनियाभर में विभिन्न रूपों में हैं। तमिल में कंब रामायण, तेलुगु में रघुनाथ और रंगनाथ रामायण, उड़िया में रुईपात कातेड़पति रामायण, कन्नड़ में कुमुदेंदु रामायण है। वहीं कश्मीर में रामावतार चरित, मलयालम में रामचरितम् है।
गुरुगोविंद सिंह ने गोविंद रामायण लिखी थी। विश्व में सर्वाधिक मुस्लिम जनसंख्या वाले देश इंडोनेशिया में स्वर्णद्वीप रामायण, योगेश्वर रामायण जैसी कई अनूठी रामायण मौजूद हैं। राम आज भी वहां पूजनीय हैं।
श्रीलंका में रामायण को जानकी हरण के नाम से सुनाया जाता है। वहीं, कंबोडिया में रमकेड़ रामायण है, लाओस में फ्रालाप-फ्रालाप रामायण है मलेशिया में हिकायत श्रीराम रामायण है, थाईलैंड में रामाकेन है। आपको ईरान और चीन में भी राम के प्रसंग और रामकथा का विवरण मिलेगा।