अध्यात्मज्योतिष

Astrology: कुंडली के सोए ग्रहों को कुछ ऐसे कर सकते हैं जाग्रत

आम मत | नई दिल्ली

Astrology: लाल किताब के अनुसार किसी की कुंडली में दो तरह की स्थिति होती है सोया भाव और सोया ग्रह। जब कोई महत्वपूर्ण भाव या ग्रह सोया होता है जो व्यक्ति को उसके जीवन में उसके अनुसार फल नहीं मिलते हैं। सोया भाव या ग्रह को जगाने के कई तरीके हैं उनमें से एक है रत्न धारण करना। आइए इस बारे में देते और अधिक जानकारी।

Astrology: क्या होता है सुप्त भाव और ग्रह

  • सोया भाव : जिस भाव में कोई ग्रह नहीं है और जिस पर किसी ग्रह की दृष्टि भी नहीं पड़ रही है वह सोया भाव होता है। जैसे भाग्य के स्‍थान पर कोई ग्रह नहीं है और उस स्थान पर किसी ग्रह की दृष्टि भी नहीं पड़ रही है तो वह सोया हुआ भाव है।
  • सुप्त ग्रह : सोये ग्रह से मतलब यह है कि उसका शुभ या अशुभ प्रभाव सिर्फ उसी भाव में होगा जिस भाव में वह बैठा यानी कि स्थित है। इसकी कई स्थितियां होती हैं।

कैसे पहना जाए रत्न

  • जिस ग्रह का रत्न धारण करना हो उस ग्रह से संबंधित धातु की अंगूठी में रत्न धारण करना चाहिए या धातु ही पनहना चाहिए। लाल किताब के अनुसार रत्नों में मंदे, कमजोर एवं सोये हुए ग्रहों को नेक, बलशाली, एवं जगाने की क्षमता होती है। लेकिन जब तक सही ज्योतिषी सलाह ना मिले, तब रत्न धारण करने ने नुकसान हो सकता है।
  • Astrology: लाल किताब अनुसार यदि किसी घर में कोई ग्रह सोया हुआ हो तो उस घर को और उस ग्रह के प्रभाव को जाग्रत करने के लिए उस घर का रत्न धारण करें। जैसे पहले घर को जगाने के लिए मंगल का रत्न, दूसरे घर को जगाने के लिए चंद्र का, तीसरे के लिए बुध का, चैथे के लिए चंद्र का, पांचवें के लिए सूर्य का, छठे के लिए राहु का, सातवें के लिए शुक्र का, आठवें के लिए चंद्र, नौवें के लिए गुरु का, दसवें के लिए शनि का, ग्यारहवें के लिए गुरु का और बारहवें घर को जगाने के लिए केतु का रत्न धारण किए जाने की सलाह दी जाती है।
  • Astrology: सूर्य माणिक्य सोना, चंद्र मोती चांदी, मंगल मूंगा तांबा, बुध पन्ना सोना, गुरु पुखराज सोना, शुक्र हीरा चांदी, शनि नीलम लोहा, राहु गोमेद ऊपर धातु, केतु लहसुनिया सोना या तांबा।

नोटः ये सभी जानकारियां पुस्तकों में से देख कर लिखी गई हैं। आम मत इनके सटीक होने का दावा नहीं करता है। अतः इस संबंध में ज्योतिष के जानकार व्यक्ति से सलाह हो की तवज्जो दें।

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