–टीना शर्मा
आंवला श्रेष्ठ शक्तिदायक फल है। इसका दूसरा नाम है अमृत फल। नाम के अनुरुप ही इसके गुण भी अमृत समान हैं। विटामिन ‘सी’ का खजाना है आंवला। एक ताजा आंवले में 20 नारंगियों के बराबर विटामिन ‘सी’ रहता है। विटामिन ‘सी’ यानी शक्ति और स्वास्थ्य का स्रोत। आंवले के इस्तेमाल से रक्त शुद्ध होता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
सर्व रोगनाशक दिव्य अमृत फल
आंवला सर्व रोगनाशक दिव्य अमृत फल है। आंखों की ज्योति बढ़ाता है। शरीर में बल-वीर्य की वृद्धि करता है। हाई ब्लडप्रेशर, हृदय रोग, कैंसर, मंदाग्नि, चर्मरोग, लीवर और किडनी के रोग, रक्त संबंधी रोगों को दूर करने में आंवला महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
बुढ़ापे का नाशक है आंवला
आंवला त्रिदोष नाशक है। इसमें लवण रस को छोड़कर बाकी सारे रस भरे हुए हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, आंवला में पाए जाने वाला एंटी ऑक्सीडेंट एंजाइम बुढ़ापा को रोकता है। हजारों वर्ष पहले महर्षि च्यवन ने बुढ़ापा दूर करने के लिए अश्विनी कुमारों से उपाय पूछा था। उनके निर्देश पर ऋषि च्यवन ने नित्य इस फल का सेवन करके अपने बुढ़ापे को दूर किया और सुन्दर रूप को प्राप्त किया।
सिर के रोगों और बालों का रामबाण इलाज
आंवला का तेल सिर के रोगों और बालों के लिए परम हितकारी है। इसका तेल घर पर बनाकर उपयोग करें। घर में तेल बनाने के लिए तिल के तेल में ताजे आंवले का रस मिलाकर गर्म करें। जब उसका पानी जल जाए तो उतारकर ठंडा करके बोतल में भर लें। हफ्ते में तीन बार इसकी सिर पर मालिश करें।