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सुप्रसिद्ध भजन गायक नरेंद्र चंचल का लंबी बीमारी के कारण निधन, प्रधानमंत्री ने जताया शोक

आम मत | नई दिल्ली

तूने मुझे बुलाया शेरोवालिये.., बेटा जो बुलाए मां को आना चाहिए जैसे भजनों को आवाज देने वाले मशहूर गायक नरेंद्र चंचल का शुक्रवार को निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उन्होंने दिल्ली के निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। पंजाब के अमृतसर में पंजाबी परिवार में जन्मे 80 वर्षीय चंचल बचपन के माता-पिता भी माता के भजन गाते थे। उनका रुझान भी संगीत में होने लगा। इसके बाद उन्होंने संगीत की शिक्षा ली और भजन गाने लगे।

बिना उनके भजनों के जगरातों और माता की चौकी अधूरी ही लगती थी। उन्हें बॉबी फिल्म में गाए बेशक मंदिर मस्जिद तोड़ो के लिए उन्हें फिल्मफेयर का बेस्ट सिंगर का अवॉर्ड मिला था। बॉलीवुड में यह उनका पहला गाना था। नरेंद्र चंचल 1944 से हर साल वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए जाते थे। उनका यह क्रम पिछले वर्ष कोरोना के कारण टूटा।

चंचल ने लता मंगेशकर, मुकेश, जानी बाबू, मोहम्मद रफी, आशा भोंसले, महेंद्र कपूर, कुमार सानू और साधना सरगम जैसे नामी कलाकारों के साथ काम किया। ‘मिडनाइट सिंगर’ नाम की किताब में उन्होंने अपने जीवन के संघर्षों को बयां किया था। नरेंद्र चंचल के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक व्यक्त किया।

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