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शरीर को स्वस्थ और सुंदर रखने के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद है नारियल

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आम मत | टीना शर्मा

भारतीय लोक व्यवहार में नारियल का विशेष महत्व है। हमारे देश में पाए जाने वाले फलों में यह अत्यन्त उपयोगी फल है। इसे मांगलिक फल माना जाता है। नारियल को श्रीफल या शुभफल भी कहते हैं। इसकी छाल, जल, तेल, फूल, गिरी आदि सभी के औषधीय उपयोग हैं। एक चीनी कहावत के अनुसार नारियल में उतने गुण होते हैं जितने कि वर्ष में दिन। आइए जानें अलग-अलग प्रकार से इसकी उपयोगिता

नारियल का पानी

शरीर को स्वस्थ और सुंदर रखने के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद है नारियल | Coconut water

कच्चे नारियल को ‘डाभ’ कहा जाता है। इसमें पानी बहुत ज्यादा मात्रा में रहता है। धीरे-धीरे इसका कुछ भाग मुलायम गिरी में बदल जाता है, जो बाद में पानी सूखने पर कठोर बन जाती है, जिसे खोपरा कहा जाता है।

  • नारियल का पानी अमृत समान उपयोगी होता है। इसे पीने से न केवल प्यास बुझती है, बल्कि शक्ति भी प्राप्त होती है।
  • इससे निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) की समस्या दूर होती है।
  • अनिद्रा की अवस्था में इसका पानी फायदेमंद होता है।
  • ‘डाभ’(कच्चा नारियल) का पानी पीने से हिचकी दूर होती है। पेट-दर्द में लाभ होता है।
  • पेशाब में जलन होने पर नारियल के पानी में गुड़ और हरा धनिया मिलाकर पीना लाभदायक होता है।
  • नारियल का पानी पीकर कच्चा नारियल खाने से पेट के कृमि (कीड़े) निकल जाते हैं।
  • लू लगने पर नारियल के पानी के साथ काला जीरा पीसकर शरीर पर लेप करने से शांति मिलती है।
  • नारियल का पानी पीने से पथरी निकल जाती है, इससे पेट साफ रहता है।
  • नारियल पानी पीने से तेज बुखार का ताप कम हो जाता है।
  • ताजे कच्चे नारियल पानी में मां के दूध के समान गुण होते हैं। एक नारियल का पानी पीने से शरीर को दैनिक आवश्यकता के बराबर मात्रा में विटामिन ‘सी’ मिलता है।

नारियल का तेल

शरीर को स्वस्थ और सुंदर रखने के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद है नारियल | coconut oil

एक हजार नारियल के फलों से करीब 250 किलो खोपरा तथा लगभग 100 लीटर तेल निकलता है। लगभग 65 प्रतिशत नारियल खाने के काम आता है, बाकी बचे नारियल से तेल निकाला जाता है। यह तेल 23 से 28 डिग्री सेल्सियस पर पिघलता है और इससे कम ताप पर जमा हुआ रहता है।

  • नारियल का तेल खाने के साथ-साथ सौन्दर्यवर्धक पदार्थ बनाने के काम में लिया जाता है। इससे साबुन तथा मोमबत्ती भी बनाई जाती है।
  • नारियल के तेल में नीबू का रस मिलाकर मालिश करने से खुजली मिटती है, बालों का झड़ना तथा सफेद होना बंद हो जाता है।
  • नारियल के तेल में बादाम पीसकर सिर पर लगाने से सिरदर्द दूर होता है।
  • नारियल का तेल नाखूनों पर मालिश करने से उनकी चमक बढ़ती है और मजबूत बनते हैं।
  • इसका तेल सुपाच्य होता है। यह खाने के काम आता है। यह तेल वात-पित्तनाशक, दंत विकारनाशक, कृमिनाशक, केशवर्धक, मूत्रघात, श्वास और प्रमेह में बहुत उपयोगी है। यह स्मरणशक्ति बढ़ाता है।

नारियल की गिरी

शरीर को स्वस्थ और सुंदर रखने के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद है नारियल | nariyal ki giri
  • इसकी गिरी शक्तिदायक, शीतल, वात-पित्त तथा रक्त विकारनाशक होती है। यह मूत्राशयशोधक मानी जाती है।
  • पकने पर नारियल की गिरी में चिकनाई तथा कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बढ़ जाती है।
  • नारियल से मूत्र साफ आता है, मासिक धर्म भी खुलकर आता है। यह मस्तिष्क की दुर्बलता को भी दूर करता है।
  • मुंह में छाले होने पर सूखे नारियल की गिरी और मिश्री मिलाकर खाने से लाभ होता है।
  • कच्चे नारियल की 25 ग्राम गिरी बारीक पीसकर अरंडी के तेल के साथ खाने से पेट के कीड़े निकल जाते हैं।
  • सुबह भूखे पेट नारियल खाने से नकसीर आनी बंद हो जाती है।
  • नारियल की गिरी, बादाम, अखरोट, पोस्त के दाने मिलाकर सेवन करने से स्मरणशक्ति और शरीर की शक्ति बढ़ती है।
  • नारियल की गिरी मिश्री के साथ खाने से प्रसव की पीड़ा नहीं होती। संतान गौरवर्ण और हृष्ट-पुष्ट होती है।
  • इसकी गिरी और शक्कर मिलाकर खाने से आंखों के सामान्य रोग ठीक होते हैं।
  • पुराने नारियल की गिरी पीसकर उसमें थोड़ी हल्दी मिलाकर उसे गरम करके चोट या मोच लगे स्थान पर बांधने से आराम मिलता है।
  • इसकी गिरी खाने से आंतों में चिकनाहट पैदा होकर कब्ज दूर होती है।

नारियल के अन्य भाग

शरीर को स्वस्थ और सुंदर रखने के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद है नारियल | coconut husk
  • दमा और खांसी में नारियल की जटा की भस्म में शहद मिलाकर दिन में दो-तीन बार सेवन करने से लाभ होता है। यह हिचकी रोग में भी हितकारी है।
  • नारियल की जटा सांस संबंधी रोगों में बहुत उपयोगी है। यह वमननाशक और रक्तस्राव-निरोधक होती है।
  • इसकी जड़ को पानी के साथ पीसकर पेडू पर गाढ़ा लेप करने से पेशाब खुलकर आने लगता है।
  • नारियल के कोमल पत्ते मधुर होते हैं। इन्हें उबालकर स्वादिष्ट शाक और रायता बनाया जाता है।
  • शरीर के किसी भी भाग से खून बह रहा हो तो उस भाग पर जटा की भस्म लगाने से बहता खून बंद हो जाता है।
  • नारियल की जटा जलाकर पीस लें। उसमें बूरा मिलाकर करीब 10 ग्राम पानी के साथ लेने से खूनी बवासीर में लाभ होता है।

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