Jaipur News: आज जयपुर में शीतलाष्टमी (Sheetla Mata Festival) की छुट्टी घोषित की गई हैं| आज कलेक्टर के आदेश से शीतलाष्टमी पर जयपुर जिले में अवकाश रहेगा. जयपुर में चाकसू के शील की डूंगरी , नायला सहित ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में शीतलाष्टमी का मेला भरेगा|
आम मत | जयपुर
Jaipur News : आज शीतलाष्टमी पर जयपुर जिले में अवकाश रहेगा. जयपुर में चाकसू के शील की डूंगरी सहित ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में मेला भरेगा. आज जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया की चाकसू (जयपुर) स्थित शीलडूंगरी और जमवारामगढ़ स्थित नायला (जयपुर) में आयोजित होने वाले शीतला माता मेले में जरूरी व्यवस्थाओं को लेकर जिम्मेदारियां दी गई हैं. जयपुर नगर निगम हैरिटेज को मेला समाप्ति तक मंदिर परिसर के पास ब्रिगेड मय आवश्यक स्टाफ और संसाधनों के तैनात करने के लिए निर्देश दिए गए है|
इसके साथ पुलिस उपायुक्त, जयपुर पूर्व को भी मंदिर स्थल और आसपास के क्षेत्र में भीड़ नियंत्रण के लिए पुलिस जाब्ता तैनात करने और सीसीटीवी कैमरों की आवश्कतानुसार व्यवस्था करने के लिए निर्देशित किया गया हैं. पुलिस उपायुक्त, जयपुर यातायात को मंदिर स्थल और आसपास के क्षेत्र में पार्किंग-यातायात की समुचित व्यवस्था करने, कार्यकारी निदेशक, राजस्थान पथ परिवहन निगम, जयपुर को विभिन्न स्थलों से मंदिर स्थल तक श्रद्धालुओं को लाने व ले जाने के लिए बसों की व्यवस्था करने के निर्देश दिये गए हैं.
शीतलाष्टमी पर जयपुर में स्थानीय अवकाश
— सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, राजस्थान सरकार (@DIPRRajasthan) March 14, 2023
शीतला माता मेले के लिए संबंधित विभागों को सौंपी गई जिम्मेदारियांhttps://t.co/RS2jBKtAvf
लेकिन परिवहन विभाग रहेगा खुला
हालांकि परिवहन विभाग के दफ्तर खुले रहेंगे। आरटीओ वीरेंद्र सिंह मीणा ने बताया कि भारी वाहनों में पैसेंजर वाहनों का बकाया टैक्स बिना जुर्माने के एवं अग्रिम टैक्स जमा करवाने का 15 मार्च को अंतिम दिन है। लोगों की सहूलियत के लिए परिवहन विभाग के दफ्तर खोले जाएंगे। टैक्स जमा करने के लिए ट्रांसपोर्ट नगर व अजमेर रोड पर गजसिंहपुरा में अस्थायी काउंटर स्थापित किए गए हैं। वहीं झालाना और जगतपुरा में एक-एक अतिरिक्त काउंटर लगाया है।
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Sheetla Mata: शीतला सप्तमी एवं शीतला अष्टमी का त्यौहार के बारें में
यंहा यह बता दें कि माता शीतला को देवी पार्वती का ही स्वरूप माना जाता है तथा इन्हें स्वच्छता और आरोग्य की देवी भी कहा जाता है. स्कंद पुराण में माता के स्वरूप का वर्णन किया गया है. इसके अनुसार, शीतला माता का वाहन गर्दभ है. इनके हाथों में कलश, सूप, झाड़ू और नीम के पत्ते होते हैं. मान्यता है माता शीतला की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और रोग-बीमारियां भी दूर रहती है.
परंपरा के अनुसार, शीतला माता की पूजा दो दिन की जाती है. कहीं पर चैत्र कृष्णपक्ष की सप्तमी तो कहीं चैत्र कृष्णपक्ष की अष्टमी के दिन पूजा करने की परंपरा है. सप्तमी के दिन किए पूजा को शीतला सप्तमी और अष्टमी तिथि की पूजा को शीतला अष्टमी कहा जाता है. इस साल शीतला सप्तमी या बसोड़ा 14 मार्च को और शीतला अष्टमी 15 मार्च को है.
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