आम मत न्यूज़ | नई दिल्ली, 23 अक्टूबर:
Delhi Air Pollution: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार खतरनाक रूप से बढ़ रहा है। आज की सुबह, दिल्ली के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के पार चला गया, जिससे शहर की आबादी को सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली अब एक गैस चैंबर के समान हो गई है, जिससे लोगों की चिंताएँ और बढ़ गई हैं।
दिल्ली के ऊपर धुंध की चादर
इस समय दिल्ली धुंध की मोटी चादर से ढकी हुई है। आज तड़के आनंद विहार का AQI 400 से अधिक दर्ज किया गया, जबकि आईटीओ में यह 349 तक पहुंच गया। स्थिति और गंभीर होती जा रही है, क्योंकि हवा की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में बनी हुई है। धुंध के कारण दृश्यता भी कम हो रही है, जिससे यातायात प्रभावित हो रहा है। लोग सांस लेने में कठिनाई और अन्य श्वसन संबंधी बीमारियों से जूझ रहे हैं।
पराली जलाने से बिगड़ रही स्थिति
दिल्ली के आस-पास के राज्यों, विशेषकर पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि हुई है, जिसके चलते धुएं और प्रदूषित हवा ने दिल्ली की वायु गुणवत्ता को और खराब कर दिया है। प्रदूषण का यह स्तर हर साल सर्दियों की शुरुआत में बढ़ जाता है, लेकिन इस बार स्थिति पहले से ही गंभीर होती दिख रही है। किसानों द्वारा खेतों में पराली जलाने से निकलने वाला धुआं हवाओं के साथ दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों में पहुंच रहा है, जिससे हवा और अधिक जहरीली हो गई है।
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का दूसरा चरण लागू
दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का दूसरा चरण लागू किया गया है। इस योजना के तहत निर्माण कार्यों पर नियंत्रण, सड़क धूल को रोकने के उपाय, और उद्योगों से निकलने वाले उत्सर्जन को सीमित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि, इस प्लान के लागू होने के बावजूद, वायु गुणवत्ता में कोई उल्लेखनीय सुधार नहीं देखा गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि प्रदूषण का स्तर 400 से 500 के बीच बना रहता है, तो GRAP का तीसरा चरण लागू किया जाएगा, और यदि यह 500 के पार जाता है, तो चौथे चरण को भी लागू करना पड़ेगा।
दिल्ली के लोगों की प्रतिक्रिया
दिल्ली के निवासियों की चिंताएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। एक निवासी ने कहा, “यह स्थिति केवल सरकार के प्रयासों से सुधरने वाली नहीं है, हमें भी व्यक्तिगत स्तर पर प्रयास करने होंगे।” उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रदूषण से निपटने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा, चाहे वह सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट हो या सड़क किनारे धूल को नियंत्रित करने के उपाय।
एक अन्य स्थानीय निवासी ने कहा, “दिल्ली देश की राजधानी है, और यहां आने वाले बाहरी लोग भी इस प्रदूषण से प्रभावित हो रहे हैं।” उनका मानना है कि सरकार को प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए और अधिक ठोस कदम उठाने चाहिए।
स्वास्थ्य पर गंभीर असर
दिल्ली में बढ़ता वायु प्रदूषण लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल रहा है। खासकर बुजुर्गों, बच्चों, और उन लोगों को जो पहले से ही श्वसन संबंधी बीमारियों से पीड़ित हैं, इस स्थिति से ज्यादा नुकसान हो रहा है। सांस की तकलीफ, आंखों में जलन, गले में खराश और त्वचा में जलन जैसी समस्याएं बढ़ गई हैं। डॉक्टरों का कहना है कि यदि वायु गुणवत्ता और खराब होती है, तो अस्पतालों में श्वसन रोगियों की संख्या में भारी वृद्धि हो सकती है।
विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि वायु प्रदूषण के इस स्तर पर लंबे समय तक रहने से हृदय रोग, फेफड़ों के कैंसर और अस्थमा जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है। इसलिए, लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे जितना संभव हो, घर के अंदर ही रहें और अगर बाहर निकलना भी पड़े, तो N95 मास्क का उपयोग करें।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए आवश्यक कदम
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न उपायों की घोषणा की है। इनमें “रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ” जैसे कार्यक्रम शामिल हैं, जिसमें लोगों से अनुरोध किया जा रहा है कि वे ट्रैफिक सिग्नल पर अपने वाहनों को बंद रखें। इसके अलावा, सरकारी एजेंसियां भीड़भाड़ वाले इलाकों में पानी का छिड़काव कर रही हैं और यातायात के सुचारू प्रवाह के लिए अधिक कर्मियों को तैनात कर रही हैं।
हालांकि, दिल्ली में फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं और वाहनों से होने वाला उत्सर्जन भी प्रदूषण के प्रमुख कारणों में से एक हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि केवल पराली जलाने को दोष देना समाधान नहीं है, बल्कि शहर के भीतर के प्रदूषण स्रोतों पर भी ध्यान देना जरूरी है। सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाने और सार्वजनिक परिवहन का अधिक उपयोग करने के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है।
प्रदूषण से बचने के सुझाव
विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण के इस स्तर पर लोगों को अपनी सेहत का ध्यान रखने की बेहद जरूरत है। कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं जिनसे प्रदूषण से बचा जा सकता है:
- घर के अंदर रहें: जितना संभव हो, घर के अंदर ही रहें और खिड़कियां बंद रखें।
- N95 मास्क का उपयोग करें: अगर बाहर निकलना जरूरी हो, तो N95 मास्क पहनें।
- हवा साफ करने वाले उपकरण का उपयोग करें: अपने घर के अंदर हवा साफ रखने के लिए एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें।
- ज्यादा पानी पिएं: शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए खूब पानी पिएं।
- धूप में बाहर न निकलें: सुबह और शाम के समय जब धुंध ज्यादा हो, तो बाहर निकलने से बचें।
Delhi Air Pollution
दिल्ली में बढ़ता वायु प्रदूषण अब एक गंभीर समस्या बन चुकी है। सरकार और आम जनता को मिलकर इसे नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। यदि प्रदूषण को जल्द से जल्द नियंत्रित नहीं किया गया, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं, जो राजधानी की स्वास्थ्य और जीवनशैली को बुरी तरह प्रभावित करेंगे। लोगों को अपने स्तर पर प्रदूषण से बचने के उपाय अपनाने चाहिए और साथ ही सरकार को भी ठोस और दीर्घकालिक समाधान पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
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