आम मत | जयपुर
राजस्थान दिवस (Rajasthan Day) के मौके पर प्रदेश की विभिन्न जेलों से कुल 1200 बंदियों को समय से पूर्व रिहा किया जाएगा। मुख्यमंत्री की पहल पर यह निर्णय लिया गया। इनमें सदाचार पूर्वक अधिकांश सजा भुगत चुके या गंभीर बीमारियों से ग्रस्त और वृद्ध बंदी शामिल हैं। सीएम गहलोत ने शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर जेल विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की।
इन्हें नहीं मिलेगी कोई राहत
Rajasthan Day: इसमें निर्णय लिया गया कि बलात्कार, ऑनर किलिंग, मॉब लिंचिंग, पॉक्सो एक्ट, तेजाब हमले से संबंधित अपराध, आर्म्स एक्ट, राष्ट्रीय सुरक्षा कानून, एनडीपीएस एक्ट, आबकारी अधिनियम, पीसीपीएनडीटी एक्ट, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, गौवंश अधिनियम, आवश्यक वस्तु अधिनियम, सीमा शुल्क अधिनियम इत्यादि के तहत सजा भुगत रहे बंदियों सहित 28 विभिन्न श्रेणियों के जघन्य अपराधों में लिप्त अपराधियों को कोई राहत नहीं मिलेगी।
Rajasthan Day: समय पूर्व रिहाई पाने वालों में आजीवन कारावास से दंडित बंदी सर्वाधिक
अपराध में दण्डित वृद्ध पुरूष, जिनकी आयु 70 वर्ष तथा महिलाएं, जिनकी आयु 65 वर्ष या इससे अधिक है और सजा का एक तिहाई भाग भुगत चुके हैं, उन्हें समय पूर्व रिहाई मिलेगी। महानिदेशक जेल राजीव दासोत ने बताया कि समय पूर्व रिहाई पाने वाले ऐसे कैदियों की संख्या सबसे अधिक है, जो आजीवन कारावास से दण्डित हैं। 14 वर्ष की सजा भुगत ली है और ढाई वर्ष का परिहार प्राप्त कर लिया है। ऐसे बंदियों को वर्तमान में स्थायी पैरोल पर होने की स्थिति में ही रिहा किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री की इस पहल से ऐसे परिवारों को खुशियां मिलेंगी, जिनके परिजन आजीवन कारावास की सजा का अधिकांश हिस्सा भुगत चुके। बैठक में प्रमुख शासन सचिव गृह अभय कुमार, शासन सचिव गृह एनएल मीणा और महानिरीक्षक जेल विक्रम सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।