आम मत | जैसलमेर
राजस्थान कांग्रेस में एक महीने से ज्यादा से चल रहा घमासान अभी भी शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। भले ही राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत से चर्चा के बाद सब ठीक लग रहा है। पायलट खेमा इससे खुद नजर आ रहा है। वहीं, गहलोत समर्थक विधायकों ने आलाकमान की इस दरियादिली पर नाराजगी जताई है।
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सूत्रों की मानें तो जैसलमेर के सूर्यागढ़ होटल में हुई विधायक दल की बैठक में 12-15 विधायकों ने सचिन पायलट के खिलाफ बयान दिया। जानकारी के अनुसार, बैठक में कई विधायकों को पायलट की वापसी पर अपने विचार व्यक्त करने के लिए कहा गया था। इसमें कई विधायकों ने आलाकमान तो कई ने पायलट के खिलाफ कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। इसके बावजूद 12-15 विधायक ऐसे भी थे, जिन्होंने खुले तौर पर पायलट और उनके खेमे के विधायकों की वापसी पर नाराजगी जताई।
गहलोत खेमा राज्य में किसी तरह का नेतृत्व बदलाव नहीं चाहता
बैठक के दौरान एक विधायक ने यह भी कहा कि आलाकमान ये घोषणा करे कि नए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को हटाया नहीं जाएगा। बताया जा रहा है कि कुछ विधायकों ने मांग की कि आलाकमान ये घोषणा कराए कि राज्य में पूरे पांच तक कोई नेतृत्व परिवर्तन नहीं होगा और गहलोत बतौर सीएम कार्यकाल पूरा करेंगे।
दरअसल गहलोत समर्थक विधायक राज्य में किसी तरह का नेतृत्व बदलाव नहीं चाहते हैं। पायलट के वापस आने के बाद इन विधायकों को लग रहा है कि राज्य में एक बार फिर से नेताओं की जिम्मेदारी बदल सकती है।