आम मत | जयपुर
राजस्थान में सियासी खींचतान रुकने का नाम नहीं ले रही है। इसी कड़ी में बसपा विधायकों के मामले में हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने गुरूवार को फैसला दिया कि विधायकों को सिंगल बेंच से जारी नोटिसों की 8 अगस्त तक तामील करवाई जाएगी। इसकी जिम्मेदारी जैसलमेर जिला जज को दी जाएगी। जरूरत पड़ने पर वे पुलिस की मदद भी ले सकेंगे।
डिवीजन बेंच ने टेंपरेरी स्टे का फैसला सिंगल बेंच पर छोड़ दिया। सिंगल बेंच 11 अगस्त को सुनवाई कर फैसला सुनाएगी। इधर, जैसलमेर में गहलोत गुट के विधायक बाड़ेबंदी में हैं। इनमें बसपा के 6 विधायक भी शामिल हैं। इसलिए नोटिस जयपुर के अलावा जैसलमेर और बाड़मेर के समाचार पत्रों में भी प्रकाशित होगा।
सिंगल बेंच ने तुरंत स्टे देने की बजाय 30 जुलाई को जारी किया था नोटिस
मामले में भाजपा विधायक मदन दिलावर और बसपा ने भी हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के आदेश को डिवीजन बेंच में चुनौती दी थी। सिंगल बेंच ने विधायकों के दलबदल पर तुरंत स्टे देने की बजाय 30 जुलाई को नोटिस जारी किए थे। उनका कहना था कि सिंगल बेंच ने स्टे नहीं दिया और रही नोटिस की बात तो बाड़ेबंदी में विधायकों को नोटिस कैसे तामील हो पाएंगे?
डिवीजन बेंच ने कहा कि सिंगल बेंच ने स्टे की अर्जी खारिज नहीं की, इसलिए स्टे नहीं दे सकते। नोटिस तामील करवाने की व्यवस्था कर रहे हैं। विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी को नोटिस जारी किया था।
स्पीकर ऑफिस का इस्तेमाल पोस्टऑफिस की तरह नहीं किया जा सकताः कपिल सिबल
स्पीकर जोशी के वकील कपिल सिबल ने कोर्ट में कहा कि स्पीकर ऑफिस का इस्तेमाल पोस्ट ऑफिस की तरह नहीं किया जा सकता कि वहां से विधायकों को नोटिस तामील करवाते रहें। माना जा रहा है कि 11 अगस्त को अगल सिंगल बेंच ने स्टे दे दिया तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मुश्किलों में इजाफा हो सकता है।
सीएम गहलोत की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
अभी तक सीएम गहलोत ने दावा किया है कि उनके साथ 102 विधायक हैं। इन 102 विधायकों में से 6 बसपा विधायक भी हैं। ऐसे में स्टे मिलने पर बहुमत परीक्षण में ये विधायक सरकार के पक्ष वोटिंग नहीं कर पाएंगे। क्योंकि बसपा व्हिप जारी कर चुकी है कि वे सरकार के खिलाफ वोट दें।