आम मत | जयपुर
राजस्थान का सियासी संग्राम एक महीने के बाद खत्म हो चुका है। राहुल और प्रियंका गांधी से मुलाकात के बाद मामले का पटाक्षेप हुआ और सचिन पायलट मंगलवार को जयपुर लौट आए। वे मंगलवार शाम अपने आवास पहुंचे।
‘राजनीति में दुश्मनी के लिए नहीं होनी चाहिए स्थान’
मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विधायक खरीद-फरोख्त मामले में मुझे राजद्रोह का नोटिस मिला। मैं नोटिस और पिछले सालों के घटनाक्रम को लेकर दिल्ली पहुंचा। इसके बाद चीजें नकारात्मक होती गई। हम पर आरोप लगे, अफवाहें फैलाई गईं। मुझे लेकर ऐसी बातें बोली गई, जिन्हें सुनकर दुख और आश्चर्य हुआ। मैं अपमान का घूंट पीकर रह गया। मैं मानता हूं कि जो कहा गया, उसे भूल जाना चाहिए। राजनीति में दुश्मनी का स्थान नहीं होना चाहिए। मुद्दों के आधार पर काम होना चाहिए।
सीएम अशोक गहलोत द्वारा निकम्मा कहे जाने पर उन्होंने कहा वे बड़े हैं। मैं उनका सम्मान करता हूं। मैं किसी का कितना विरोध करता हूं मुद्दा यह नहीं है। लेकिन किसी के लिए ऐसी भाषा का प्रयोग नहीं करता हूं। सार्वजनिक तौर पर बयान देते समय लक्ष्मण रेखा होनी चाहिए।
डेढ़ साल से काम की गति थी धीमी
प्रदेशाध्यक्ष होने के नाते जिम्मेदारी थी कि सरकार बनने के बाद कार्यकर्ताओं को सम्मान दिया जाए। डेढ़ साल से काम की गति धीमी थी। हमें ऐसा लग रहा था कि जनता से किए वादे पूरे नहीं हो रहे हैं। राहुल-प्रियंका ने आपत्तियां दूर करने के लिए रोडमैप तैयार करने का भरोसा दिया है। हमने जो मुद्दे रखे थे, उनके समाधान के लिए 3 सदस्यों की कमेटी बनाई है।